नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने भरा सफलता का ट्रायल,
15 दिसंबर से उड़ान भरने को तैयार भारत का नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर भारत जल्द ही अपने नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का स्वागत करने जा रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे के पास बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) अब अपने उद्घाटन से बस कुछ कदम दूर है। मंगलवार को यहां ऑपरेशनल रेडिनेस एंड एयरपोर्ट ट्रांसफर (ORAT) ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। यह ट्रायल न केवल तकनीकी रूप से बल्कि प्रबंधन की दृष्टि से भी पूरी तरह सफल रहा, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह एयरपोर्ट अब उड़ानों के लिए पूरी तरह तैयार है।
ट्रायल ने दिखाया कि एयरपोर्ट यात्रियों के लिए तैयार ORAT ट्रायल को नोएडा एयरपोर्ट के इतिहास का एक बड़ा माइलस्टोन माना जा रहा है। इस ट्रायल का उद्देश्य केवल तकनीकी जांच नहीं, बल्कि यात्रियों के संपूर्ण अनुभव का मूल्यांकन करना था। इसका मकसद यह जानना था कि जब वास्तविक यात्री यहां से यात्रा करें, तो उन्हें कितना सहज, सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव मिलेगा।
असली उड़ान जैसा माहौल, 60 प्रतिभागियों ने किया अनुभव ट्रायल के दौरान एयरपोर्ट को बिल्कुल वास्तविक उड़ान की तरह संचालित किया गया। इसमें करीब 60 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिन्हें कर्मचारियों के परिवार और मित्रों में से चुना गया था। उन्होंने दस्तावेज़ जांच, चेक-इन, बोर्डिंग पास लेना, लगेज जांच और एयरसाइड ट्रांसफर जैसी सभी प्रक्रियाएं पूरी कीं। इसके बाद यात्रियों को एयरपोर्ट के विभिन्न हिस्सों जैसे बोर्डिंग गेट, सुरक्षा चौकी, बैगेज सिस्टम, लाउंज, एस्कलेटर और लिफ्ट में ले जाकर सुविधाओं की गुणवत्ता की जांच की गई।
सुरक्षा, पार्किंग और आपातकालीन व्यवस्था का भी परीक्षण ट्रायल के दौरान केवल यात्रियों की सुविधा नहीं, बल्कि पूरे एयरपोर्ट प्रबंधन और सुरक्षा सिस्टम का भी परीक्षण हुआ। वाहनों की पार्किंग, प्रवेश द्वार पर सुरक्षा जांच, स्टाफ के समन्वय और आपातकालीन प्रतिक्रिया को गहराई से परखा गया। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) ने इसे एयरपोर्ट के इतिहास का निर्णायक क्षण बताया।
15 दिसंबर से शुरू होंगी उड़ानें प्रबंधन के अनुसार, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पहली वाणिज्यिक उड़ान 15 दिसंबर 2025 से शुरू होने की तैयारी है। सभी आवश्यक सुरक्षा, तकनीकी और आपातकालीन अभ्यास पूरे किए जा रहे हैं। इस एयरपोर्ट के शुरू होने से दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों का दबाव घटेगा और पश्चिमी यूपी व हरियाणा के लोगों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए नया विकल्प मिलेगा। साथ ही क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
क्या होता है ORAT ट्रायल और एयरपोर्ट ट्रांसफर? ऑपरेशनल रेडिनेस का मतलब होता है किसी नई सुविधा या सिस्टम को शुरू करने से पहले उसकी हर प्रक्रिया को परखना और सुनिश्चित करना कि सब कुछ सुचारू रूप से चले। वहीं एयरपोर्ट ट्रांसफर वह सेवा होती है जो यात्रियों को एयरपोर्ट से होटल, घर या किसी अन्य गंतव्य तक पहुंचने में सहायता करती है। इसका उद्देश्य यात्रा को सुविधाजनक और तनावमुक्त बनाना होता है।