क्या उत्तर प्रदेश को भी छू सकती है पाक की मिसाइल?
जंग में यूपी को कितना खतरा और क्या हैं सुरक्षा इंतजाम?
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
UP War Preparedness: भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव ने साल 1971 के युद्ध की यादें ताजा कर दी हैं। उस दौरान पाकिस्तान ने बमवर्षक विमान मार्टिन बी-57 कैनबरा से आगरा, धिमिश्री और कीठम जैसे इलाकों पर बम गिराए थे। धिमिश्री में बम गिरने से 10-12 फीट गहरा गड्ढा बन गया था और लोग दहशत में आ गए थे। अब एक बार फिर, युद्धविराम की घोषणा के बावजूद पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने से विध्वंसक युद्ध का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में रह रहे लोगों के मन में लगातार यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या युद्ध के बीच यूपी तक भी दुश्मन पहुंच सकता है? अगर ऐसा हुआ तो कितना नुकसान हो सकता है और इससे निपटने के लिए हमारी तैयारियां क्या हैं?
यूपी को कितना खतरा?
अगर जंग के बीच यूपी पर मंडरा रहे खतरे की बात करें, तो उत्तर प्रदेश की सीमा सीधे तौर पर पाकिस्तान से नहीं लगती। लेकिन फिर भी पश्चिमी यूपी के शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ और गाजियाबाद जैसे जिले पाकिस्तान सीमा से करीब 500 से 600 किलोमीटर दूर हैं। लखनऊ और पूर्वी यूपी के जिले 1000 से 1500 किलोमीटर दूर हैं। ऐसे में भले ही दूरी ज्यादा है, लेकिन खतरा बेहद कम है। इसकी वजह है भारत की मजबूत वायु सुरक्षा प्रणाली और सैन्य तैयारियां। पाकिस्तान की मिसाइलें और ड्रोन इतनी दूर तक बिना भारत की सुरक्षा प्रणाली के जाल में फंसे नहीं पहुंच सकते।
क्या पाकिस्तान यूपी पर हमला कर सकता है?
इस सवाल का जवाब है – लगभग नहीं। भारत के पास एस-400 सुदर्शन चक्र, बराक-8, स्वदेशी आकाश, स्पाइडर और इग्ला जैसे अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम हैं। ये सिस्टम पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोन को सीमा पार करते ही हवा में ही नष्ट कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि अगर युद्ध होता भी है, तो भी यूपी पूरी तरह से प्रभावित होगा, यह कहना सही नहीं होगा। पाकिस्तान के लिए लखनऊ या कानपुर तक हमला करना लगभग नामुमकिन है। भारत की सेना और सुरक्षा प्रणाली पाकिस्तान से कहीं ज्यादा आधुनिक और मजबूत है। युद्ध की स्थिति में भी यूपी सुरक्षित रहेगा।
क्या तैयारियां की गई हैं?
राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने संभावित खतरे को देखते हुए कई अहम कदम उठाए हैं:
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी को पूरे राज्य में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
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सभी जिलों में मॉक ड्रिल करवाई गई, जिसमें लोगों को आपात स्थिति में बचाव के तरीके सिखाए गए।
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सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
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सोशल मीडिया पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए अलग टीमें बनाई गई हैं, ताकि कोई भी अफवाह या गलत सूचना फैलने से रोकी जा सके।
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पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और अधिक से अधिक जवानों को फील्ड में लगाया गया है।
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सरकारी इमारतों, रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट और डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
अयोध्या, काशी, मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर अर्द्धसैनिक बल और एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात कर दिए गए हैं।