पीलीभीत के सरकारी स्कूलों में निजाम बदला तो तस्वीर बदली, 90 हजार बच्चों को मिली डेस्क-कुर्सी,
अब नहीं बिछानी पड़ेगी बोरी-चटाई
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: पीलीभीत जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अब पढ़ाई का माहौल बदल चुका है। दशकों से बच्चे जूट की बोरियों, प्लास्टिक की चटाइयों या फिर जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते थे। कई बार उन्हें जर्जर कमरों में या पेड़ के नीचे भी बैठना पड़ता था। जहां एक ओर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई के लिए आधुनिक तकनीक और एआई तक पहुंच चुकी है, वहीं सरकारी स्कूलों में साधारण डेस्क और कुर्सियों का भी अभाव था। लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। शासन और प्रशासन के फैसले से हजारों बच्चों को फर्श से आजादी मिल गई है।
90 हजार बच्चों तक पहुंची सुविधा
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को पीलीभीत जिले के शिक्षकों ने बताया कि पहली बार जिले के सैकड़ों सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले 90,000 से ज्यादा बच्चों को डेस्क और कुर्सियां मिल गई हैं। यह कदम तब उठा जब जून महीने में एक टास्क फोर्स बैठक के दौरान डीएम ज्ञानेंद्र सिंह ने कक्षाओं में फर्नीचर की भारी कमी का मुद्दा उठाया।
ग्राम पंचायत निधि से पूरा हुआ इंतजाम
जब जांच की गई तो सामने आया कि सरकारी धन की कमी के कारण यह सुविधा नहीं मिल पा रही थी। इसके बाद डीएम ने प्रशासन को निर्देश दिया कि फर्नीचर की खरीद के लिए ग्राम पंचायत विकास निधि का इस्तेमाल किया जाए। इस पहल से स्कूलों में बच्चों को एक बड़ी राहत मिली। डीएम का कहना है कि सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, और डेस्क-कुर्सियों की उपलब्धता बच्चों की पढ़ाई और उनके भविष्य को और मजबूत करेगी।
कितना हुआ खर्च और कितने स्कूलों को मिला फायदा
बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अमित कुमार सिंह ने जानकारी दी कि अब तक जिले के 925 प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों को डेस्क और कुर्सियां मिल चुकी हैं। बाकी विद्यालयों को भी एक सप्ताह के भीतर यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि फर्नीचर की लागत प्रति विद्यालय लगभग 1 लाख रुपये आई है। वर्तमान में जिले के प्राथमिक विद्यालयों में 95,532 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 66,772 छात्र पढ़ रहे हैं।