पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में बाघों का धमाल, 2 साल में 12% बढ़ी संख्या,
30 से ज्यादा जंगल से बाहर घूम रहे
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश का पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (PTR) देश-दुनिया में अपनी खास पहचान बना चुका है। यहां का संरक्षण मॉडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सराह चुके हैं। अब इसी मॉडल का नतीजा है कि टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हाल ही में आए नए आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। रिज़र्व की आंतरिक गणना में सामने आया है कि बीते दो साल में बाघों की संख्या में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर होती है गिनती
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) हर 4 साल में देशभर में बाघों की गणना करता है। साल 2022 में जारी रिपोर्ट में पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में 71+ बाघ दर्ज किए गए थे। इसके अलावा हर टाइगर रिज़र्व अपने स्तर पर भी गणना कराता है। बीते साल पीलीभीत प्रशासन ने आंतरिक गणना की शुरुआत की थी। इसके लिए 602 वर्ग किलोमीटर के कोर एरिया को 316 ग्रिड में बांटा गया और 632 ट्रैप कैमरे लगाए गए।
नई तकनीक से हुई पहचान
मार्च से कैमरों में मिले डेटा का विश्लेषण शुरू किया गया। आधुनिक तकनीक से हर बाघ की शरीर पर मौजूद धारियों के आधार पर उनकी पहचान की गई। इसके बाद लिंग के हिसाब से भी आंकड़े जारी किए गए। आंतरिक गणना में सामने आया कि पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में कुल 79 बाघ मौजूद हैं। यह संख्या 2022 में 71 थी। यानी 2022 से 2024 के बीच बाघों की संख्या में लगभग 12% की वृद्धि दर्ज हुई है।
30 से ज्यादा बाघ जंगल से बाहर
रिपोर्ट के अनुसार पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में फिलहाल 53 मादा, 14 नर और 12 ऐसे बाघ हैं जिनका लिंग तय नहीं हो सका। गणना में 18 महीने से कम उम्र के शावकों को शामिल नहीं किया जाता। विशेषज्ञों के मुताबिक जंगल से बाहर भी कुल बाघों का 30 से 40 प्रतिशत विचरण करता है। यानी लगभग 30 बाघ बाहर भी देखे जा सकते हैं। इस आधार पर माना जा रहा है कि वर्तमान में पीलीभीत क्षेत्र में बाघों की कुल संख्या 100 से भी अधिक हो चुकी है।