अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराया, बोले पीएम मोदी—‘आज संपूर्ण विश्व राममय है,
सदियों की वेदना को मिला विराम’
1 months ago Written By: Aniket prajapati
अयोध्या में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के शिखर पर धर्मध्वज फहराया। इस कार्यक्रम में उनके साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। ध्वज फहराने के बाद पूरा परिसर ‘जय श्री राम’ के जयकारों से गूंज उठा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज संपूर्ण विश्व राममय है, रामभक्तों के दिलों में असीम संतोष है और सदियों के घाव भर रहे हैं। उन्होंने इस दिन को भारतीय सांस्कृतिक चेतना के उत्थान का महान क्षण बताया।
‘सदियों की वेदना आज विराम पा रही है’—पीएम मोदी पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या आज सांस्कृतिक चेतना के नए उत्कर्ष की साक्षी बनी है। उन्होंने कहा कि 500 साल से जल रही संघर्ष की अग्नि का आज पूर्णाहुति का दिन है। रामभक्तों की सदियों पुरानी वेदना आज शांत हुई है और उनके सपनों का साकार रूप सबके सामने है।
धर्मध्वज का अर्थ और संदेश धर्मध्वज के महत्व को बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक है। भगवा रंग, सूर्यवंश की ख्याति, ‘ऊं’ का स्वरूप और कोविदार वृक्ष ये सब रामराज्य की उज्ज्वल परंपरा का प्रतिरूप हैं। उन्होंने कहा कि यह ध्वज संघर्ष, समर्पण और समाज की सहभागिता की गाथा है।
‘प्राण जाए पर वचन न जाए’—धर्मध्वज देगा प्रेरणा अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि यह धर्मध्वज संदेश देगा कि जो कहा जाए वही किया जाए। यह कर्म और कर्तव्य की प्रधानता का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि यह ध्वज समाज में शांति, सौहार्द और सबके लिए सुख की कामना करता है।
अयोध्या में बने सप्त मंदिर और नई पहचान पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि राम मंदिर का प्रांगण अब भारत के सामूहिक सामर्थ्य का केंद्र बन चुका है। उन्होंने माता शबरी, निषादराज, जटायु, गिलहरी और महर्षि परंपरा से जुड़े मंदिरों का उल्लेख किया, जो अयोध्या के सांस्कृतिक वैभव को और मजबूत बनाते हैं।
2047 तक विकसित भारत का संकल्प पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में समाज के हर वर्ग महिला, दलित, पिछड़े, आदिवासी, किसान और युवा को विकास के केंद्र में रखा गया है। सभी के सामूहिक प्रयासों से 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जाएगा।
अयोध्या—मर्यादा से विकास का मॉडल प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या पहले मर्यादा का केंद्र थी, अब यह 21वीं सदी में विकसित भारत की प्रेरणा बन रही है। उन्होंने कहा कि त्रेता युग की अयोध्या ने दुनिया को नीति दी थी, और आज की अयोध्या विकास का नया मॉडल दे रही है।