सेवानिवृत्त होने के बाद पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार का भावुक संदेश:
“वर्दी अस्थायी है, कर्तव्य हमेशा रहते हैं”, कंधों पर सितारे नहीं पर…
8 days ago
Written By: STATE DESK
UP DGP Retirement: उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार ने सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद एक भावुक संदेश जारी किया है। उन्होंने अपने पूरे पुलिस करियर की यादें साझा कीं और वर्दी के पीछे छिपे कर्तव्य, समर्पण और भावना को शब्दों में पिरोया है। इस पोस्ट में उन्होंने कंधों पर सितारे न होते हुए भी मन में पुलिस की भावना होने की बात लिखी है।
“यह सिर्फ फेयरवेल नहीं है...”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1 जून को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा की गई अपनी पोस्ट में प्रशांत कुमार ने लिखा कि, “कल जब सेवानिवृत्त हुआ तो मेरा दिल कृतज्ञता, गर्व और अपनेपन की भावना से भरा था। यह सिर्फ फेयरवेल नहीं है, बल्कि यह रुकने, विचार करने और सेवा की इस असाधारण यात्रा में मेरे साथ चलने के लिए आप सभी को धन्यवाद देने का अवसर है।” उन्होंने लिखा कि पहले दिन से लेकर आखिरी क्षण तक, उन्होंने केवल एक ही उद्देश्य से काम किया— लोगों की सेवा करना, न्याय बनाए रखना और पुलिस बल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना।
“यह सिर्फ नौकरी नहीं, एक आह्वान है”
पूर्व डीजीपी ने पुलिस सेवा को केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक आह्वान (calling) बताया। उन्होंने ट्रैफिक में खड़े कांस्टेबल से लेकर, रात-रात भर केस सुलझाने वाले अधिकारियों और नवाचार की ओर बढ़ने वाली टीमों को पुलिस की "सच्ची आत्मा" बताया। “इस दौरान मुझे आप सभी का साथ देने का सौभाग्य मिला है। भारी बारिश में ट्रैफिक संभालने वाले कॉन्स्टेबल से लेकर जटिल केस में दिन-रात एक करने वाले अधिकारियों तक, आप सब मेरी प्रेरणा रहे हैं।”
“हमने नागरिकों में भरोसा बहाल किया”
प्रशांत कुमार ने उत्तर प्रदेश पुलिस में अपने योगदानों को याद करते हुए कहा कि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि जनता में पुलिस के प्रति भरोसे को पुनर्स्थापित करना रही है। उन्होंने लिखा, “हमने पुलिसिंग को आधुनिक बनाया, साइबर अपराधों से निपटे और कई संकटों का सामना किया। इन सबमें सबसे अहम रहा कि हमने जनता में खाकी के प्रति विश्वास बहाल किया – यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है, जो मैं अपने साथ ले जा रहा हूं।”
“अब कंधों पर सितारे नहीं, लेकिन दिल में खाकी की भावना है”
उन्होंने अपने संदेश का अंत बेहद भावुक शब्दों में किया। उन्होंने लिखा, “मैं यह पद बिना किसी खेद के, गर्व के साथ छोड़ रहा हूं। हो सकता है अब मेरे कंधों पर सितारे न हों, लेकिन मैं हमेशा अपने दिल में पुलिस की भावना को लेकर चलूंगा। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि वर्दी अस्थायी है, कर्तव्य हमेशा रहते हैं। आप साहस, करुणा और विवेक के साथ सेवा करते रहें।”