प्रयागराज निर्माण खंड में फिर हुआ घोटाले का खुलासा,
मंडी परिषद के अफसरों पर फर्जी भुगतान का आरोप
10 hours ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में मंडी परिषद के प्रयागराज निर्माण खंड का नाम एक बार फिर घोटाले से जुड़ गया है। हाल ही में 2.44 करोड़ रुपये के फर्जी भुगतान के मामले में एक उपनिदेशक रविंद्र सिंह को बर्खास्त किया गया था और कई कर्मचारी जेल में बंद हैं। अब उसी निर्माण खंड पर नए घोटाले का आरोप सामने आया है। बता दें कि इस बार शिकायत पूर्व विधायक मोहर सिंह ने सीधे मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से की है।राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद का प्रयागराज निर्माण खंड एक बार फिर चर्चा में है। 2.44 करोड़ रुपए के फर्जी भुगतान के आरोप में जहां एक उपनिदेशक निर्माण रविंद्र सिंह को बर्खास्त कर दिया गया और कई अन्य कार्मिक जेल में हैं। उसी निर्माण खंड से एक बार फिर घोटाले की शिकायत हुई है। इस बार शिकायत पूर्व विधायक मोहर सिंह ने प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री से की है।
संयुक्त निदेशक पर 4.96 लाख के अतिरिक्त भुगतान के आरोप
आरोप के मुताबिक अनुबंध संख्या 2819 (दिनांक 8-12-2023) द्वारा नवीन संपर्क मार्ग सूरतगंज महेवा मोड़ से गहरौली में कराए गए कार्यों के भुगतान के लिए उपनिदेशक निर्माण इंदल प्रसाद द्वारा संपर्क मार्ग का स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर आख्या जारी करते हुए कार्यों की मांप पुस्तिका में अंकित कराकर परिषद मुख्यालय से धन मांगा गया और उसका फर्जी बिल बनाकर 4.96 लाख का फर्जी भुगतान कर दिया गया। जब इस बात की चर्चा शुरू हुई तो इंदल प्रसाद द्वारा अवर अभियंता टीएन भट्ट से स्पष्टीकरण मांगा गया, जबकि भुगतान स्वयं इंदल प्रसाद ने ही किया था। इस प्रकरण पर औपचारिक हस्ताक्षर सहायक अभियंता अखिलेश मौर्य का भी बताया जा रहा है। कार्यों के सापेक्ष धनराशि 13.38 लाख का भुगतान ठेकेदार को दिनांक 21.09.2024 को किया गया है।
सड़क पीडब्ल्यूडी की, मंडी परिषद ने किया भुगतान
मोहर सिंह ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि इसी प्रकार अनुबंध संख्या 2851 (दिनांक 28.02.2024) के अंतर्गत संपर्क मार्ग ललई से लोगरा के मरम्मत कार्य में 7.35 लाख का भुगतान किया गया, जबकि इस संपर्क मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग प्रयागराज द्वारा लेपन स्तर तक पूर्व में ही कराया जा चुका था। जबकि कार्य मंडी परिषद के अभिलेखों में अवर अभियंता सुनीता तथा सहायक अभियंता अखिलेश कुमार मौर्य के पर्यवेक्षण में कराया जाना अंकित है। विधायक का पत्र मिलने के बाद जांच के आदेश हुए हैं। जांच के बाद ही पता चलेगा कि आरोपों में कितनी सच्चाई है। मोहर सिंह ने उक्त सभी आरोपियों द्वारा कराए गए समस्त कार्यों और भुगतानों के उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
जांच के आदेश, सच सामने आना बाकी
विधायक की शिकायत पर अब जांच शुरू हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही साफ होगा कि आरोपों में कितनी सच्चाई है। फिलहाल, इन मामलों ने एक बार फिर प्रयागराज निर्माण खंड की कार्यप्रणाली और मंडी परिषद के भीतर चल रहे भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।