प्रेमानंद महाराज ने दी सलाह, कहा- भूलकर भी घर के मंदिर में न रखें ये चीजें,
वरना बढ़ सकती है नकारात्मक ऊर्जा
11 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Premanand Maharaj: घर में बना मंदिर या पूजास्थल सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। यही वह जगह है जहां रोज़ भगवान की पूजा होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। लेकिन कई बार लोग अनजाने में ऐसी वस्तुएं मंदिर में रख देते हैं जो धार्मिक और वास्तु दृष्टि से अशुभ मानी जाती हैं। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ऐसी चीजें मंदिर की पवित्रता को नष्ट कर देती हैं और घर में नकारात्मकता व दरिद्रता का कारण बनती हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि मंदिर में किन वस्तुओं को नहीं रखना चाहिए।
खंडित मूर्तियां मंदिर में न रखें प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि किसी भी भगवान की टूटी या खंडित मूर्ति को मंदिर में रखना बहुत अशुभ माना गया है। अगर मूर्ति का कोई भी हिस्सा जैसे हाथ, मुकुट या उंगली टूटा हो, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। ऐसी मूर्ति में देवत्व नहीं रहता। टूटी हुई प्रतिमा को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें या पीपल के नीचे स्थापित करें।
फटी या पुरानी तस्वीरों से घटती है पूजा की शक्ति अगर मंदिर में रखी भगवान की तस्वीर फट गई है या धुंधली हो गई है, तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ऐसी तस्वीरें पूजा के प्रभाव को कम करती हैं और मानसिक तनाव बढ़ा सकती हैं। मंदिर में हमेशा नई और साफ-सुथरी तस्वीर लगानी चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
पितरों की तस्वीरें मंदिर में न रखें अक्सर लोग गलती से पितरों या पूर्वजों की तस्वीरें मंदिर में रख देते हैं, जो शास्त्रों के अनुसार गलत है। पितरों की पूजा के लिए अलग स्थान निर्धारित होता है। मंदिर में केवल देवी-देवताओं की मूर्तियां या तस्वीरें ही रखनी चाहिए।
मुरझाए फूल और धूल से बढ़ती है नकारात्मकता मंदिर में रखे फूल और पत्ते जब मुरझा जाएं, तो उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए। मुरझाए हुए फूल नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं। पूजा के बाद हमेशा ताजे फूल चढ़ाएं और पुराने फूलों को बहा दें। इसी तरह दीपक बुझने के बाद उसे ऐसे ही छोड़ना या मंदिर की सफाई न करना भी अशुभ माना जाता है। मंदिर को रोज़ साफ रखें और दीपक जलाने से पहले धूल ज़रूर हटाएं।
लोहे या प्लास्टिक के बर्तन से बचें महाराज के अनुसार, मंदिर में पूजा के लिए तांबे, पीतल या चांदी के बर्तनों का उपयोग शुभ होता है। लोहे या प्लास्टिक के बर्तन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। इसलिए इन्हें मंदिर में कभी न रखें।