पंजाब कैबिनेट का बड़ा फैसला: 300 स्पेशलिस्ट डॉक्टर होंगे एम्पैनल,
स्वास्थ्य सेवाओं में आएगा सुधार को-ऑपरेटिव सोसायटीज नियम और माइनर मिनरल रूल्स में भी अहम संशोधन
1 months ago Written By: Aniket prajapati
पंजाब सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 12 प्रमुख श्रेणियों के 300 विशेषज्ञ डॉक्टरों को एम्पैनल करने की मंजूरी दे दी गई। इससे राज्य में सेकेंडरी स्तर की चिकित्सा सुविधाएं बेहतर होंगी और लोगों को आवश्यक इलाज समय पर मिल सकेगा। इसके साथ ही कैबिनेट ने पंजाब को-ऑपरेटिव सोसायटीज नियम, 1963 में नियम 28ए तथा पंजाब माइनर मिनरल रूल्स 2013 में महत्वपूर्ण संशोधनों को भी मंजूरी दी।
300 स्पेशलिस्ट डॉक्टर होंगे सूचीबद्ध
सरकार ने मैडीसिन, पीडियाट्रिक्स, साइकियाट्री, डर्मेटोलॉजी, चेस्ट एवं टीबी, सर्जरी, गायनेकोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, ऑप्थल्मोलॉजी, ईएनटी और एनेस्थीसियोलॉजी सहित 12 श्रेणियों के 300 विशेषज्ञ डॉक्टरों को सूचीबद्ध करने का फैसला किया। जिला स्तर पर सिविल सर्जन इन डॉक्टरों का चयन करेंगे। एम्पैनल डॉक्टर ओपीडी, आईपीडी, आपातकालीन सेवाएं, ऑपरेशन और अन्य चिकित्सा सेवाओं के लिए प्रति मरीज निर्धारित फीस प्राप्त कर सकेंगे।
इस कदम से विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी और अस्पतालों में सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
को-ऑपरेटिव सोसायटीज नियमों में बदलाव
कैबिनेट ने पंजाब को-ऑपरेटिव सोसायटीज नियम 1963 के अंतर्गत नियम 28ए को मंजूरी दी, जिसके तहत अनुशासनात्मक और अपीलीय ढांचे को एकसमान किया जाएगा।
इस बदलाव से—
अपीलों की दोहरी प्रक्रिया खत्म होगी,
एक ही बोर्ड के भीतर विरोधाभासी फैसलों से बचा जा सकेगा,
अनुशासनात्मक कार्रवाई में स्पष्ट आदेश श्रृंखला बनेगी,
कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
यह सुधार पंजाब के सभी केंद्रीय सहकारी बैंकों और शीर्ष संस्थाओं में एकरूपता लाएगा।
खनन नियमों में बड़ा संशोधन
कैबिनेट ने पंजाब स्टेट माइनर मिनरल्स (संशोधन) पॉलिसी 2025 के अनुरूप पंजाब माइनर मिनरल रूल्स 2013 में संशोधन को मंजूरी दी है।
इन संशोधनों से—
खनन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी,
क्रशर माइनिंग साइटों और भूमि मालिकों की माइनिंग साइटों के लिए नए प्रावधान लागू होंगे,
माइनिंग लीज आवंटन सरल और नागरिक-हितैषी होगा।
सरकार का मानना है कि इससे खनन कार्य बेहतर प्रबंधन के साथ तेज़ी से हो सकेगा और अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी।