पंजाब एंड सिंध बैंक शाखा में बड़ा घोटाला: क्लर्क पर 67 लाख गबन के आरोप,
7 ग्राहकों के खाते प्रभावित
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
निवाड़ी थाना क्षेत्र के कस्बा पतला स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक की शाखा में वित्तीय घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है। किसान ओमकार ने अपने खाते से 11.50 लाख रुपये गायब होने की शिकायत की तो बैंक प्रबंधन ने आंतरिक जाँच शुरू की। जांच में पता चला कि यह एक अकेला मामला नहीं बल्कि कई खातों से बड़ी रकम के अनियमित ट्रांजैक्शन का जाल है। शाखा में तैनात क्लर्क सोमिल तिवारी पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर ग्राहकों के खातों से कुल मिलाकर लगभग 67 लाख रुपये का गबन किया। बैंक प्रबंधक हिमांशु गुप्ता की तहरीर के बाद निवाड़ी थाना में धोखाधड़ी, गबन व आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
जांच में सामने आए मुख्य तथ्य प्रारम्भिक जाँच में पुलिस को कम से कम सात खाताधारकों के खातों में संदिग्ध लेन-देन दिखे। रिपोर्ट के मुताबिक इन खातों से कुल ₹42,10,500 के संदिग्ध ट्रांजैक्शन मिले हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि बड़ी रकम तनुशिखा भारती के खाते में ट्रांसफर की गई और वहां कुल ₹64,87,442 जमा दिखे। इसके अलावा कुछ रकम IDBI बैंक रतलाम कोठी शाखा में दिवेश मोदी के नाम पर खोले गए खातों में भी ट्रांजफर की गई, जिससे नेटवर्क संदिग्ध नजर आ रहा है।
आरोपी और बैंक की कार्रवाई आरोपी क्लर्क सोमिल तिवारी 2022 से इस शाखा में तैनात था और मूल रूप से कानपुर नगर का निवासी बताया जा रहा है। मामले की जाँच तेज होने पर बैंक ने सोमिल को निलंबित कर दिया है। मोदीनगर एसीपी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जाँच के निर्देश दिए हैं।
पुलिस जांच की रूपरेखा निवाड़ी थाना ने एफआईआर दर्ज कर उपनिरीक्षक राहुल पांडे को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। पुलिस डिजिटल ट्रांजैक्शन, बैंक के सिस्टम लॉग, सीसीटीवी फुटेज और संबंधित खातों के रिकार्ड्स की गहन तलाशी ले रही है। बैंक और पुलिस मिलकर फंड के फ्लो और किन-किन खातों में पैसे गए इसकी पड़ताल कर रहे हैं ताकि सभी दोषियों की पहचान की जा सके और पैसे की रिकवरी का प्रयास शुरू हो सके।
प्रभावित खाताधारक और आगे की उम्मीद एफआईआर में जिन खाताधारकों के नाम दर्ज हैं, उनमें अखिला खातून, विमला सिंह, राजबाला, माया देवी, महेन्द्रि, राजेंद्र प्रसाद और ओमकार शामिल हैं।ffected खाताधारकों को जल्द राहत और रकम वापसी के लिए बैंक तथा पुलिस से सहयोग की उम्मीद है। जांच के दायरे में और भी खाते आ सकते हैं, इसलिए स्थानीय लोग और अन्य ग्राहकों को अपने खातों की भी जाँच कर बैंक से शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी जा रही है।