राह वीर योजना से बढ़ेगी सड़क हादसों में घायलों की मदद,
मददगारों को मिलेगा 25 हजार रुपए का इनाम
1 months ago
Written By: State Desk
Raah Veer Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई राह वीर योजना अब लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में लागू कर दी गई है। इस योजना के तहत सड़क हादसों में घायल लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने वाले मददगार नागरिकों को 25,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिससे सड़क हादसों में घायल लोगों की जिंदगियां बच सकेंगीं।
क्या हैं योजना का उद्देश्य
दरअसल योजना का मुख्य उद्देश्य है कि, सड़क दुर्घटना के तुरंत बाद घायल को पहले एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाया जाए। मेडिकल भाषा में इस एक घंटे को "गोल्डन ऑवर" कहा जाता है, क्योंकि यह समय घायल की जान बचाने के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सरकार का मकसद है कि आम लोग बिना किसी डर या झिझक के मदद करें और इसके लिए उन्हें आर्थिक सहायता भी मिले।
क्या है राह वीर योजना?
मिली जानकारी के मुताबिक राह वीर योजना एक स्वैच्छिक नागरिक सहायता कार्यक्रम है। इसमें कोई भी व्यक्ति जो दुर्घटना के बाद घायल को सुरक्षित अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाता है, उसे 25 हजार रुपए तक का पुरस्कार मिलेगा। योजना का यह भी लक्ष्य है कि मदद करने वाले नागरिकों को किसी कानूनी कार्रवाई या पूछताछ का सामना न करना पड़े।
इन शर्तों पर मिलेगा इनाम:
- मदद करने वाला पीड़ित का कोई रिश्तेदार या परिवार का सदस्य नहीं होना चाहिए।
- यह कार्य पूरी तरह से स्वेच्छा से होना चाहिए, न कि किसी लाभ या दबाव में।
- अस्पताल पहुंचाने की पूरी जानकारी और प्रमाण, जैसे अस्पताल रिपोर्ट या गवाह, देना आवश्यक होगा।
सड़क हादसों में देरी से कई जानें जाती हैं
रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश में हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं। इनमें अधिकांश ऐसे होते हैं जिन्हें समय पर उपचार नहीं मिल पाता। राह वीर योजना के जरिए सरकार आम जनता की भागीदारी बढ़ाकर इस समस्या से निपटना चाहती है।
सड़क हादसों का वक्तानुसार आंकड़ा (1 जनवरी 2025 से 20 मई 2025 तक):
- दोपहर (12 बजे से 6 बजे तक): दुर्घटनाएं – 4,352, मौतें – 2,238; कारण – गर्मी, थकावट, ओवर स्पीड, ट्रैफिक दबाव
- सायंकाल (6 बजे से 9 बजे तक): दुर्घटनाएं – 3,254, मौतें – 1,945; कारण – ऑफिस टाइम ट्रैफिक, अंधेरा, दृश्यता की कमी
- प्रात:काल (6 बजे से 12 बजे तक): दुर्घटनाएं – 2,629, मौतें – 1,447; कारण – स्कूल और ऑफिस ट्रैफिक का दबाव
- रात्रि (9 बजे से 3 बजे तक): दुर्घटनाएं – 2,585, मौतें – 1,699; कारण – तेज गति, थकावट, ध्यान कम होना
- अर्ध रात्रि से भोर (3 बजे से 6 बजे तक): दुर्घटनाएं – 506, मौतें – 392; कारण – नींद, लंबी दूरी की थकावट