पहले SDM, फिर IRS अब IAS,
कॉपी-किताब बेचने वाले के बेटे ने UPSC में रचा इतिहास
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
UPSC Toppers: देश भर में UPSC में जगह बनाने वाले छात्रों के बीच रायबरेली के एक साधारण परिवार में जन्मे शिवम् सिंह की चर्चा इन सबसे खास है। शिवम् खास इसलिए हैं क्योंकि उन्होंने एक साधारण परिवार से होते हुए भी PCS पास किया और उसके बावजूद SDM की नौकरी छोड़ अपनी तैयारी जारी रखी और आज UPSC में अपना स्थान सुनिश्चित किया है। शिवम् ने अपने हौसले और मेहनत के दम पर UPSC परीक्षा 2024 में 78वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। शिवम् की सफलता का सफर न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी बताता है कि अगर लगन और दृढ़ संकल्प हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। क्योंकि शिवम् के पिता एक छोटी सी स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं। बावजूद इसके कम संसाधनों के बीच उन्होंने यह सफलता हासिल की है।
रायबरेली से एम.टेक तक का सफर
दरअसल, शिवम् सिंह ने अपनी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई रायबरेली से पूरी की। इसके बाद लखनऊ के एक निजी कॉलेज से बी.टेक किया। पढ़ाई के प्रति उनकी गंभीरता और लगन का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 2019 में देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT से एम.टेक की डिग्री भी हासिल की।
पिता चलाते हैं स्टेशनरी की गुमटी
शिवम् सिंह का सफर भी आसान नहीं रहा है। उनके पिता रामनरेश सिंह रायबरेली के विकास भवन के बाहर एक छोटी सी गुमटी में स्टेशनरी का सामान बेचते हैं। बड़े भाई कॉरपोरेट सेक्टर में कार्यरत हैं। साधारण परिवार की पृष्ठभूमि से आकर शिवम् ने साबित कर दिया कि संसाधनों की कमी, अगर आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत हो, तो कोई बाधा नहीं बन सकती। शिवम् की यह सफलता उनकी मेहनत की गाथा गा रही है।
SDM की नौकरी करते हुए की UPSC की तैयारी
अपनी मेहनत के दम पर साल 2021 में शिवम् ने UPPCS परीक्षा में 38वीं रैंक हासिल की और SDM के पद पर चयनित हुए। नौकरी के दौरान भी उन्होंने UPSC की तैयारी जारी रखी। 2023 में पहली बार UPSC परीक्षा दी और 878वीं रैंक हासिल की। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और प्रयास जारी रखा।
आख़िरी प्रयास में सपना साकार
शिवम् के हौसले और मेहनत ने आखिरकार रंग लाया। 2024 में अपने अंतिम प्रयास में उन्होंने 78वीं रैंक हासिल कर IAS बनने का सपना पूरा कर लिया। फिलहाल वे अपने पिछले UPSC क्लियरेंस के तहत आंध्र प्रदेश में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
शिवम् सिंह की कहानी उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों में रहकर भी बड़े सपने देखते हैं। उन्होंने दिखाया कि कठिन परिश्रम, धैर्य और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।