राहुल गांधी की नागरिकता पर फिर सवाल –
हाईकोर्ट ने दो टूक कहा, पहले केस में ही होगी सुनवाई
1 months ago
Written By: STATE DESK
Rahul Gandhi Citizenship Petition: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को कांग्रेस नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दायर नई याचिका खारिज कर दी है। भाजपा सदस्य विग्नेश शिशिर द्वारा दायर इस याचिका को अदालत ने यह कहते हुए खारिज किया कि इस विषय में पहले से दायर याचिका पर ही सुनवाई होगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सलाह दी है कि वह उसी याचिका को पुनर्विचार के लिए प्रस्तुत करें।
5 मई को बंद हो गया था पुराना केस
दरअसल यह मामला तब उठा, जब 5 मई को कोर्ट ने वह केस बंद कर दिया था, जिसमें राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताने का दावा किया गया था। इसके तीन दिन बाद विग्नेश शिशिर ने नई याचिका दाखिल कर दी, जिसमें कुछ "नए साक्ष्य" प्रस्तुत करने का दावा किया गया। इसके साथ ही राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर रोक लगाने की भी मांग की गई।
कोर्ट में क्या हुआ?
मिली जानकारी के मुताबिक मामले में दायर की गई नई याचिका पर बुधवार को पहली बार सुनवाई हुई। यह सुनवाई जस्टिस एआर मसूदी और अजय कुमार श्रीवास्तव (I) की बेंच में हुई। कोर्ट ने साफ किया कि पहले दायर याचिका पर ही आगे की कार्यवाही संभव है।
पासपोर्ट एक्ट के तहत FIR की मांग
मामले में याचिकाकर्ता का दावा था कि राहुल गांधी ने कथित तौर पर विदेशी गतिविधियों और दस्तावेज़ों के ज़रिये भारतीय नागरिकता नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने पासपोर्ट एक्ट, 1967 की धारा 12 के तहत उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की। साथ ही गृह मंत्रालय से प्राप्त अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के आधार पर राहुल की नागरिकता रद्द करने और विदेश यात्रा पर रोक लगाने की मांग भी की गई।
गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपे गए थे दस्तावेज
वहीं इस बारे में विग्नेश शिशिर ने बताया कि गृह मंत्रालय को पहले ही पांच अहम लेटर सौंपे जा चुके हैं, जिनमें वीडियो, फोटो और दस्तावेज़ शामिल हैं। गृह मंत्रालय तीन देश-यूके, वियतनाम और उज्बेकिस्तान-से प्राप्त जानकारी के आधार पर अंतिम निर्णय प्रक्रिया में है। हालांकि कोर्ट को अभी तक केंद्र की ओर से कोई ठोस रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है।
पिछली सुनवाइयों में क्या हुआ था?
दरअसल 5 मई की सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से रिपोर्ट न मिलने पर नाराज़गी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि रिपोर्ट के इंतज़ार में मामला लंबित नहीं रखा जा सकता और याचिका को यहीं समाप्त किया जा रहा है। वहीं, 21 अप्रैल की सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडे ने केंद्र की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे अपर्याप्त माना था और केंद्र से 10 दिनों में जवाब मांगा था। हैरानी की बात यह रही कि राहुल गांधी की ओर से इन दोनों सुनवाइयों में कोई भी वकील अदालत में मौजूद नहीं था।
पुरानी याचिका में क्या था दावा?
दरअसल पहले दायर याचिका में विग्नेश शिशिर ने यह दावा किया था कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन की एक कंपनी में डायरेक्टर रहते हुए खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। उन्होंने भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल की नागरिकता रद्द करने की मांग की थी। याचिका में यह भी कहा गया था कि दोहरी नागरिकता रखने वाला व्यक्ति चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होता।