यूपी के नए कार्यवाहक DGP ने दी अपनी पहली प्रतिक्रिया,
CM योगी के भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं राजीव कृष्ण
8 days ago
Written By: STATE DESK
Rajeev Krishna IPS: उत्तर प्रदेश पुलिस को नया महानिदेशक (DGP) मिल गया है। यहाँ 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को यूपी का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है। उन्होंने शनिवार, 1 जून को लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में पदभार ग्रहण कर लिया। कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा है कि, "मैंने नए डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। आगे की चर्चा प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी।"
प्रशांत कुमार के बाद कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी
बताते चलें कि, राजीव कृष्ण भी पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार की तरह कार्यवाहक डीजीपी होंगे। इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिल सकता है, लेकिन राज्य सरकार ने 31 मई को राजीव कृष्ण के नाम की घोषणा की। वे उत्तर प्रदेश के पांचवें कार्यवाहक डीजीपी बने हैं।
सीएम योगी के भरोसेमंद अफसर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजीव कृष्ण को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वसनीय अधिकारियों में गिना जाता है। वे इससे पहले पुलिस भर्ती परीक्षा जैसी बड़ी और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाल चुके हैं। उनके अनुभव और कार्यशैली को देखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डीजी विजिलेंस और भर्ती बोर्ड के भी रह चुके हैं अध्यक्ष
दरअसल, राजीव कृष्ण वर्तमान में डीजी विजिलेंस के पद पर तैनात थे और साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। इससे पहले वे मथुरा, इटावा, आगरा, नोएडा और लखनऊ जैसे बड़े जिलों में एसपी/एसएसपी रह चुके हैं।
यूपी एटीएस के पहले प्रमुख और BSF में अहम भूमिका
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजीव कृष्ण यूपी एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) के संस्थापक प्रमुख रह चुके हैं। उन्होंने बीएसएफ (BSF) में आईजी ऑपरेशंस के रूप में चार साल तक सेवाएं दीं, जहाँ वे भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमाओं पर अभियानों की निगरानी के लिए जिम्मेदार थे।
उत्तर प्रदेश में ही हुआ जन्म
मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान कार्यवाहक DGP राजीव कृष्ण का जन्म 26 जून 1969 को गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में बीई की पढ़ाई की है। पुलिस सेवा में उनका अनुभव, रणनीतिक सोच और प्रशासनिक क्षमता उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए काफी लाभदायक मानी जा रही है।