रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संबोधन :
“भारत अब दुनिया में संतुलन और भरोसे की सबसे मजबूत आवाज”
1 months ago Written By: Aniket prajapati
'चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025' के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुनिया के सामने भारत की बदलती भूमिका को मजबूती से रखा। उन्होंने कहा कि आज भारत न सिर्फ एक उभरती शक्ति है, बल्कि जिम्मेदारी और संतुलन की आवाज बन चुका है। इंडो-पैसिफिक से लेकर ग्लोबल साउथ तक, अनेक देश भारत को एक भरोसेमंद साथी मानते हैं। इस वर्ष कार्यक्रम का थीम ‘रिफार्म टू ट्रांसफॉर्म–सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत’ रखा गया, जो देश की नई रक्षा नीति और दिशा की झलक दिखाता है।
भारत शांति का पक्षधर, लेकिन संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत हमेशा शांति और संवाद में विश्वास रखता है। लेकिन जब बात देश की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा की आती है, तो भारत किसी भी तरह का समझौता नहीं करता। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल देश-निर्माण और क्षेत्रीय स्थिरता के सबसे मजबूत स्तंभ हैं, जिनकी अनुशासन, पेशेवर क्षमता और दृढ़ता भारत को हर चुनौती से निपटने की शक्ति देती है।
वैश्विक स्तर पर भारत की आवाज और बढ़ा विश्वास कार्यक्रम में देश-विदेश के सैन्य नेतृत्व और रक्षा विशेषज्ञ मौजूद थे। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आज रणनीतिक स्वायत्तता, जिम्मेदारी और सभ्यतागत मूल्यों के आधार पर वैश्विक चर्चाओं को दिशा दे रहा है। आर्थिक विकास, तकनीकी क्षमता और सिद्धांतों पर आधारित विदेश नीति ने दुनिया में भारत के प्रति भरोसा बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा संप्रभुता के सम्मान और नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था का समर्थन करता रहा है।
सुरक्षित भारत की दिशा में तेज सुधार रक्षा मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार लगातार व्यापक सुधार कर रही है। सीमावर्ती इलाकों और समुद्री ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। सेना के आधुनिकीकरण के लिए नए प्लेटफॉर्म, तकनीक और संरचनाएं जोड़ी जा रही हैं। इसके साथ ही रक्षा खरीद प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और जवाबदेह बनाया गया है, जिससे सुरक्षा तैयारियों में तेजी आई है।
आत्मनिर्भरता पर जोर—स्टार्ट-अप से लेकर R&D तक बढ़ा निवेश राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है और स्टार्ट-अप, डीप-टेक कंपनियों तथा अनुसंधान एवं विकास में बड़े निवेश किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना सिर्फ सीमाओं की रक्षा ही नहीं करती, बल्कि आपदा प्रबंधन, समुद्री सुरक्षा, मित्र देशों के साथ संयुक्त अभ्यास और अंतरराष्ट्रीय शांति मिशनों में भी अहम भूमिका निभाती है। इन सभी कारणों से भारत की वैश्विक विश्वसनीयता लगातार बढ़ रही है।