अयोध्या: राम मंदिर में शुरू हुए धार्मिक अनुष्ठान,
शिखर पर फहराया जाएगा केसरिया ध्वज
1 months ago
Written By: अनिकेत प्रजापति
अयोध्या के राम मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ का शुभारंभ हो गया है। अयोध्या और काशी के विद्वान पंडित इन अनुष्ठानों का संचालन कर रहे हैं। ये अनुष्ठान खासतौर पर ध्वजारोहण समारोह के लिए किए जा रहे हैं। यज्ञशाला में यज्ञ की आहुतियां दी जा रही हैं और वेद की ऋचाओं का पारायण हो रहा है। रामार्चा और राम रक्षा स्त्रोत का पाठ किया जा रहा है। साथ ही वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस का पाठ भी चल रहा है। यह समारोह मंदिर के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।
ध्वज की ऊंचाई और विशेषताएं
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा इस ध्वजारोहण समारोह के मुख्य यजमान हैं। शिखर पर फहराए जाने वाले ध्वज की ऊंचाई 191 फीट होगी। यह ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है, और इसका वजन लगभग ढाई किलो है। मंदिर का शिखर जमीन से 161 फीट ऊंचा है। ध्वज केसरिया रंग का होगा और इसमें सूर्यवंश का प्रतीक सूर्य और ओंकार का चिन्ह भी होगा। इसमें किसी भी तरह का चक्र नहीं लगाया गया है।
ध्वजारोहण की तैयारी
ध्वज फहराने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। रस्सी का वजन अधिक होने के कारण इसे खींचने के लिए शक्तिशाली लोगों की जरूरत पड़ती है। इसलिए रस्सी को मशीन से जोड़ा गया है। इलेक्ट्रिक बटन का विकल्प भी रखा गया है, ताकि किसी भी प्रकार की असफलता से बचा जा सके। दोनों तरफ से रस्सी को बैलेंस कर मशीन लगाई गई हैं। पूरी व्यवस्था मैकेनिकल रूप से बनाई गई है, ताकि ध्वजारोहण समारोह सुचारू रूप से हो।
धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ
ध्वजारोहण से पहले मंदिर में यज्ञ की आहुतियां दी जा रही हैं। वेद की ऋचाओं का पारायण और रामार्चा, राम रक्षा स्त्रोत का पाठ किया जा रहा है। इसके अलावा, वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस का पाठ भी चल रहा है। यह सभी अनुष्ठान मंदिर के धार्मिक महत्व को बढ़ाते हैं और श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव का अवसर हैं।