Ayodhya: राम दरबार स्थापना की तैयारी पूरी,
मंदिर में बढ़ेगी पुजारियों की संख्या, 23 मई को प्रथम तल पर विराजमान होंगे रामलला
1 months ago
Written By: STATE DESK
Ram Darbar Ceremony: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में राम दरबार स्थापना की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। 23 मई को भगवान श्रीराम को प्रथम तल पर भव्य सिंहासन पर विराजमान किया जाएगा। इस अवसर पर माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी। ये मूर्तियां 21 मई को जयपुर से रवाना होकर 22 मई को अयोध्या पहुंचेंगी। फिलहाल रामलला की सेवा में 14 पुजारी नियुक्त हैं, जिन्हें दो टीमों में विभाजित कर चक्रीय क्रम से ड्यूटी सौंपी गई है। लेकिन मंदिर के पहले तल में 14 नए मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पुजारियों की आवश्यकता और बढ़ेगी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसके लिए 20 अतिरिक्त पुजारियों की नियुक्ति पर विचार शुरू कर दिया है।
100 से अधिक पुजारियों की होगी आवश्यकता: चंपत राय
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, राम मंदिर के सभी मंदिरों में विधिवत पूजा-अर्चना हेतु 100 से अधिक प्रशिक्षित पुजारियों की जरूरत होगी। इसके लिए 6 माह की पुजारी प्रशिक्षण योजना शुरू की गई थी, जिसमें से 10 पुजारियों की पहले ही नियुक्ति हो चुकी है। अब विश्व हिंदू परिषद द्वारा इसे विस्तारित करते हुए एक वर्षीय प्रशिक्षण को अर्चक-पुरोहित सम्पर्क आयाम के तहत संचालित किया जा रहा है।
प्रशिक्षु पुजारियों को मिल सकता है अवसर
अयोध्या स्थित जानकी जीवन मंदिर, गोला बाजार में चल रहे प्रशिक्षण में 20 प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। इनका डेढ़ माह का सैद्धांतिक प्रशिक्षण पूरा हो चुका है, और अब प्रायोगिक प्रशिक्षण शुरू किया जाना है। चूंकि ये सभी प्रशिक्षु राम मंदिर की नियमावली के अनुरूप दीक्षित हैं, अतः इनकी नियुक्ति की पूरी संभावना है।
गंगा दशहरा पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा
मिली जानकारी के मुताबिक आगामी 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सप्त मंडपम और परकोटे के 14 मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। इसके लिए देशभर के वैदिक आचार्यों को आमंत्रित किया गया है। वैदिक मंत्रोच्चारण और पारंपरिक विधियों के अनुसार यह अनुष्ठान संपन्न होगा।
चारों दिशाओं में बन रहे भव्य प्रवेश द्वार
राम मंदिर परिसर में चारों दिशाओं में प्रवेश द्वारों का निर्माण प्रगति पर है। दक्षिण दिशा का द्वार सबसे तेजी से बन रहा है, जिसका 40% कार्य पूरा हो चुका है। यह द्वार 17 मीटर ऊंचा, 30 मीटर लंबा और 11 मीटर चौड़ा होगा और इसे लाल बलुआ पत्थर से तैयार किया जा रहा है। इस पर गज, अश्व, सिंह और पुष्प आकृतियों की सुंदर नक्काशी की जा रही है। पश्चिम दिशा के द्वार की योजना भी शीघ्र साकार की जाएगी।
राष्ट्रीय गौरव और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनता राम मंदिर
राम मंदिर में राम दरबार स्थापना और मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह आयोजन अब राष्ट्र की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र बिंदु बन चुका है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन सतर्क है और मूर्तियों की यात्रा से लेकर प्रतिष्ठा तक हर कदम पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।