चमत्कारी नहीं, बालक समान… संत प्रेमानंद पर रामभद्राचार्य ने किया तंज, तो भड़क उठे लोग,
सोशल मीडिया पर मच गया बवाल
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उनकी भक्ति और ज्ञान से आज छोटे-बड़े सभी प्रभावित हैं। लेकिन इन दिनों संत समाज में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कारण है जगद्गुरु रामभद्राचार्य का वह बयान, जिसमें उन्होंने प्रेमानंद महाराज को न विद्वान बताया और न चमत्कारी। उन्होंने यहां तक कह दिया कि प्रेमानंद महाराज उनके लिए बालक के समान हैं। जैसे ही उनका यह वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया शुरू हो गई और यूजर्स ने जमकर गुस्सा जाहिर किया।
क्या कहा जगद्गुरु ने
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एक यूट्यूब इंटरव्यू में यह बयान दिया। जब उनसे पूछा गया कि सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज को चमत्कारिक संत क्यों कहा जा रहा है, तो उन्होंने साफ कहा कि इसमें कोई चमत्कार नहीं है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर प्रेमानंद महाराज में शक्ति है तो उनके सामने संस्कृत का एक अक्षर बोलकर या किसी श्लोक का अर्थ समझाकर दिखाएं। उन्होंने कहा, वो मेरे बालक समान हैं। मैं उन्हें न विद्वान मानता हूं, न साधक, न चमत्कारी। असली चमत्कार वही है, जिसे शास्त्रों की गहरी समझ हो।
सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा
जैसे ही यह बयान वायरल हुआ, लोग भड़क उठे। एक यूजर ने लिखा कि प्रेमानंद महाराज आज के समय के सच्चे संत हैं और उनके खिलाफ एक शब्द भी स्वीकार नहीं है। किसी ने कहा कि गुरुदेव के व्यक्तित्व में अहंकार झलक रहा है, जो किसी संत के लिए ठीक नहीं। वहीं, कुछ ने टिप्पणी की कि भगवान संस्कृत और शास्त्रों से नहीं, बल्कि प्रेमभाव से रिझते हैं, और यही प्रेम भाव प्रेमानंद महाराज में भरा हुआ है।
भक्तों की आस्था का केंद्र हैं प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में आस्था का बड़ा केंद्र बन चुके हैं। पिछले 19 साल से वह गंभीर किडनी रोग से जूझते हुए भी रोजाना परिक्रमा करते हैं। उनकी तपस्या और भक्ति ने उन्हें लाखों भक्तों के दिलों में विशेष स्थान दिलाया है। उनके भजन और प्रवचन आज भी हर वर्ग में लोकप्रिय हैं। हालांकि उनके कुछ बयानों पर पहले भी विवाद उठ चुके हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।