सहारनपुर में बीमार मां को अस्पताल ले जा रहा था बेटा, रात के अंधेरे में 11 फुट गहरे गड्ढे में समा गई कार,
लोगों ने जताई नाराज़गी
4 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: पश्चिमी यूपी के सहारनपुर में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। गंगोह नगर पालिका क्षेत्र में एक परिवार अपनी बीमार मां को अस्पताल ले जा रहा था, तभी रात के अंधेरे में कार 11 फुट गहरे गड्ढे में जा गिरी। हादसा इतना अचानक हुआ कि संभलने का मौका नहीं मिला। गनीमत रही कि कार में सवार सभी लोग सुरक्षित बाहर निकल आए और जान बच गई। आजतक से जुड़े राहुल कुमार के इनपुट के मुताबिक, घटना के बाद क्षेत्र में नगर पालिका और ठेकेदार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
कैसे हुआ हादसा
जुखेड़ी गांव के रहने वाले वीरेंद्र 30 अगस्त की रात अपनी बीमार मां को इलाज के लिए गंगोह ला रहे थे। कार में उनकी मां, पत्नी, बच्चे और भाई भी थे। करीब रात 1 बजे कार डिग्री कॉलेज से गणेश चौक मार्ग पर पहुंची। रास्ते में घना अंधेरा था, इसलिए चालक को सड़क पर बना गड्ढा दिखाई नहीं दिया और वाहन सीधे 11 फुट नीचे जा धंसा।
बिना चेतावनी बोर्ड और बैरिकेडिंग
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह गड्ढा नगर पालिका के ठेकेदार ने बोरिंग के काम के लिए खोद रखा था। आरोप है कि गड्ढे के आसपास न तो कोई चेतावनी बोर्ड था, न ही बैरिकेडिंग की व्यवस्था। अंधेरे में गड्ढा न दिखने से कार उसमें समा गई। हादसे के बाद परिवार के लोगों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर जुटे और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बीमार मां को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
क्रेन से निकाली गई कार
बुधवार, 4 सितंबर की सुबह क्रेन की मदद से कार को बाहर निकाला गया। घटना के बाद से स्थानीय लोग बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते सुरक्षा इंतज़ाम किए जाते तो यह हादसा नहीं होता। लोगों का आरोप है कि ठेकेदार की घोर लापरवाही से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, खासकर रात में गुजरने वाले वाहनों के लिए यह रास्ता बेहद खतरनाक बना हुआ था।
कार्रवाई की मांग और प्रशासन पर सवाल
ग्रामीणों ने ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही नगर पालिका प्रशासन पर भी सवाल उठे हैं कि इतनी बड़ी लापरवाही को कैसे अनदेखा किया गया। लोगों का कहना है कि अगर कोई और वाहन वहां से गुजरता, तो जानलेवा स्थिति बन सकती थी। फिलहाल, मामले की जानकारी संबंधित विभागों तक पहुंच चुकी है और जांच की मांग तेज हो गई है।