बहन ने भाई के लिए की जिंदगी दांव पर, शादी छोड़ दी, लिवर दे दिया… फिर भी नहीं बची जान,
सहारनपुर में भावुक करने वाली कहानी
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक ऐसी खबर आई है जिसने हर किसी को भावुक कर दिया है। नागल क्षेत्र के भलस्वा ईसापुर गांव की रहने वाली एक बहन ने अपने बीमार भाई को बचाने के लिए अपनी शादी तक टाल दी और बिना किसी डर या स्वार्थ के उसे लिवर दान कर दिया। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद भाई की जान नहीं बचाई जा सकी। मंगलवार सुबह उसका अंतिम संस्कार किया गया, जहां पूरा गांव नम आंखों से विदाई देता दिखा।
भाई की हालत बिगड़ी, डॉक्टर बोले- सिर्फ ट्रांसप्लांट से बचेगी जान भलस्वा ईसापुर गांव के गजेंद्र सिंह राजपूत के बेटे नितिन कुछ समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। लगातार इलाज के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। जांच में डॉक्टरों ने बताया कि नितिन का लिवर पूरी तरह से खराब हो चुका है और अब केवल लिवर ट्रांसप्लांट ही उनकी जान बचा सकता है। परिवार के लिए यह फैसला बेहद मुश्किल था, लेकिन तभी बहन वैशाली ने आगे आकर सबको चौंका दिया।
वैशाली ने बिना सोचे दिया लिवर, शादी भी टाल दी वैशाली दिल्ली के एक सरकारी विभाग में नौकरी करती हैं। उनकी शादी 27 नवंबर को तय थी, लेकिन भाई की बिगड़ती हालत देखकर उन्होंने अपनी शादी टाल दी और डॉक्टरों से कहा अगर मेरा लिवर भाई की जान बचा सकता है, तो मैं तैयार हूं। परिवार ने लाख समझाने की कोशिश की, लेकिन वैशाली अपने फैसले पर अडिग रहीं। जल्द ही दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू की गई।
ऑपरेशन के बाद बिगड़ी हालत, टूट गया परिवार का सहारा ऑपरेशन सफल रहा ऐसा माना जा रहा था, लेकिन सोमवार सुबह नितिन की हालत अचानक बिगड़ गई। डॉक्टरों की टीम ने काफी देर तक कोशिश की, पर नितिन ने दम तोड़ दिया। जब ये खबर गांव पहुंची तो पूरे इलाके में मातम छा गया। मंगलवार को गांव में हजारों लोग अंतिम संस्कार में पहुंचे। हर किसी की आंखों में आंसू थे और सभी वैशाली के साहस को सलाम कर रहे थे।
वैशाली बनी मिसाल, पूरे गांव ने किया सम्मान ग्रामीणों का कहना है कि वैशाली ने जो किया, वह समाज के लिए प्रेरणा है। उन्होंने अपने भाई की जान बचाने के लिए न सिर्फ अपनी शादी टाल दी बल्कि अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी। हालांकि किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया, लेकिन उनका त्याग हमेशा याद रखा जाएगा। गांव में लोग कह रहे हैं ऐसी बहन हर किसी को मिले।