संभल की जामा मस्जिद पर विवाद: मौलाना बोले– मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी,
हिंदू आबादी घटने की रिपोर्ट को बताया गलत
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: संभल की शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद को लेकर अब बरेली के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का बड़ा बयान सामने आया है। मौलाना ने जामा मस्जिद को लेकर आई सर्वे रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज कर दिया और कहा कि यह रिपोर्ट तोड़-मरोड़कर पेश की गई है। उन्होंने साफ कहा कि मुस्लिम समाज इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेगा। मौलाना ने दावा किया, संभल में जामा मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी।
सर्वे रिपोर्ट पर उठे सवाल
गुरुवार को तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग ने 450 पन्नों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि आजादी के समय संभल में हिंदू आबादी 45 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 15 प्रतिशत रह गई है। रिपोर्ट में इसके पीछे दंगे और तुष्टिकरण की राजनीति को जिम्मेदार बताया गया है। हालांकि, मौलाना शहाबुद्दीन ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि संभल छोटा जिला है और यहां से बड़ी संख्या में हिंदू लोग अपने बच्चों की पढ़ाई और कारोबार के लिए अन्य जिलों या शहरों में चले गए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें अफवाह फैलाने का काम करती हैं।
मस्जिद के सर्वे को बताया पक्षपाती
संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान कुछ साक्ष्य मिले थे, जिनके आधार पर दावा किया गया कि मस्जिद की जगह पहले हरिहर मंदिर था। यह रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है, जिसमें धार्मिक और सामाजिक जनसांख्यिकीय बदलावों का भी जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, संभल में हिंदू आबादी कम हुई और मुस्लिम आबादी बढ़ी है। इस पर मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि सर्वे पूरी तरह पक्षपातपूर्ण है और इसमें इतिहास को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
भाईचारे की अपील
मौलाना शहाबुद्दीन ने संभल के लोगों से आपसी भाईचारे को बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस तरह के विवादों को सुलझाने का काम अदालत और प्रशासन का है, न कि आम लोगों का। उन्होंने जोर देकर कहा कि संभल का इतिहास समृद्ध और विविध है, इसलिए किसी भी तरह का तनाव या टकराव पैदा करना उचित नहीं है।