शारिक साटा गैंग के सक्रिय सदस्य मुल्ला अफरोज को अदालत से नहीं मिली राहत,
अस्पताल के डॉक्टरों और एंबुलेंस चालक ने की घटना की पुष्टि
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: संभल जिले में शारिक साटा गैंग से जुड़े दोहरे हत्या के आरोपी मुल्ला अफरोज को अदालत से राहत नहीं मिली है। जनपद न्यायालय ने बुधवार को उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। अफरोज पर दो अलग-अलग मामलों में हत्या के गंभीर आरोप हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उस पर कुल 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं। अफरोज कुख्यात गैंगस्टर शारिक साटा का करीबी सहयोगी है और गुलाम नाम के अपराधी के साथ मिलकर वारदातों को अंजाम देता रहा है।\
फायरिंग के दौरान घायल आयान की अस्पताल में मौत
पहला मामला अपराध संख्या 339/2024 से जुड़ा है। आरोप है कि 24 नवंबर को बाजार में पुलिस और भीड़ के बीच पथराव के दौरान अयान नामक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी। आयान के भाई कामिल ने एफआईआर में बताया कि उसका भाई सामान खरीदने गया था, तभी कुछ अज्ञात लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें आयान गंभीर रूप से घायल हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस की गोली का आरोप पाया गया गलत
दूसरा मामला क्राइम नंबर 340/2024 है, जिसमें बिलाल नामक युवक की हत्या की जांच चल रही है। बिलाल के भाई सलमान का आरोप था कि उसकी मौत पुलिस की गोली से हुई, लेकिन जांच में यह बयान झूठा पाया गया। अस्पताल के डॉक्टरों और एंबुलेंस चालक के अनुसार, घायल व्यक्ति होश में नहीं था और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी। ऐसे में यह साबित नहीं हो सका कि उसे पुलिस की गोली लगी थी। धारा 183 के तहत दर्ज बयान को कोर्ट ने गलत माना।
अफरोज ने कोर्ट में कबूला जुर्म
कोर्ट में पेश हुई केस डायरी और जांच रिपोर्ट से पता चला कि अफरोज और गुलाम ने मिलकर अयान और बिलाल पर गोलियां चलाईं। अफरोज ने खुद कबूल किया कि गुलाम ने उसे हथियार दिए और उसने फायरिंग की। इस घटना में नईम और कैफ की भी जान गई थी।
मुल्ला अफरोज की जमानत याचिका खारिज
कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलीलों, डॉक्टरों के बयान, और आरोपी की आपराधिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। अफरोज अब न्यायिक हिरासत में रहेगा और उसके खिलाफ आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी।