शशि थरूर ने फिर की पीएम मोदी की तारीफ,
कहा- 'भारत अब उभरता हुआ मॉडल है'
1 months ago
Written By: अनिकेत प्रजापति
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को दिल्ली में हुए एक निजी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खुले तौर पर प्रशंसा की। थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर बताया कि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने "विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता" और उपनिवेशवादी मानसिकता को बदलने पर जोर दिया। थरूर ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री का संबोधन सुना और उसे बहुत प्रभावशाली पाया। उन्होंने बताया कि भाषण में शिक्षा पर उपनिवेशवाद के प्रभाव और उसकी विरासत पलटने की बात प्रमुख थी।
प्रधानमंत्री का संदेश: उभरता हुआ मॉडल
थरूर ने लिखा कि पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब सिर्फ एक 'उभरता हुआ बाज़ार' नहीं रहा, बल्कि अब वह दुनिया के लिए एक 'उभरता हुआ मॉडल' बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन पर अक्सर 'चुनावी मोड' में रहने का आरोप लगता है, पर असल में वे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए 'भावनात्मक मोड' में रहते हैं। इस विचार को थरूर ने नोट किया और इसे सकारात्मक बताया।
मैकाले की विरासत को पलटना और 10 साल का मिशन
शशि थरूर ने प्रधानमंत्री के भाषण के उस हिस्से की भी तारीफ की जो मैकाले के 200 साल पुराने 'गुलामी मानसिकता' की बात करता है। पीएम ने भाषण में भारत की भाषाओं, विरासत और ज्ञान प्रणालियों पर गर्व लौटाने के लिए एक 10 साल का राष्ट्रीय मिशन शुरू करने का आह्वान किया। थरूर ने कहा कि यह आर्थिक दृष्टि के साथ-साथ सांस्कृतिक अपील भी थी और देश को प्रगति के लिए सतर्क रहने का संदेश देती है।
थरूर का कांग्रेस से तनातनी भरा रिश्ता
यह पहली बार नहीं जब थरूर ने पीएम की तारीफ की हो; वे पहले भी कई बार ऐसा कर चुके हैं और इससे कांग्रेस के साथ उनके रिश्ते में तनातनी बढ़ी है। 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद उन्हें विरोधी दलों में से एक प्रतिनिधि के रूप में विदेशी मिशन का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था। थरूर ने अमेरिका समेत चार देशों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। साथ ही उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पीएम की ऊर्जा और विदेश नीतियों की प्रशंसा की थी, जिससे पार्टी के भीतर उनके खिलाफ नाराजगी बढ़ी। शशि थरूर ने कहा कि सर्दी-जुकाम के बावजूद उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद रहकर प्रधानमंत्री का संबोधन सुना और इसका सकारात्मक प्रभाव महसूस किया। उनकी यह टिप्पणी और तारीफ राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।