श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई आज,
अन्य मुकदमों को भी ट्रांसफर करने की मांग
1 months ago
Written By: STATE DESK
Shahi Eidgah Case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद से जुड़े मामलों पर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। हिंदू पक्ष ने कोर्ट से मांग की है कि मथुरा की अदालत में लंबित श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े सभी विवादों की सुनवाई हाईकोर्ट में की जाए, ताकि मामलों की एक साथ सुनवाई हो सके।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
दरअसल 19 मार्च को हुई पिछली सुनवाई में हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलों के तहत Archaeological Survey of India (ASI) और केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की संशोधन अर्जी दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने यह अर्जी स्वीकार कर ली, लेकिन हिंदू पक्ष पर ₹5,000 का जुर्माना भी लगाया गया, जिसे प्रथम विपक्षी मस्जिद कमेटी को देने का आदेश हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश का हवाला
इस दौरान हिंदू पक्ष की वकील रीना एन. सिंह ने न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की एकल पीठ के समक्ष तर्क रखा कि सुप्रीम कोर्ट का 12 दिसंबर 2024 का स्थगन आदेश केवल अंतरिम निर्देशों और सर्वेक्षण पर लागू होता है, न कि संविधान प्रदत्त अधिकारों पर। इसलिए मथुरा में लंबित सात अन्य मामलों को भी हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया जाए।
एएसआई और केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की मांग
हिंदू पक्ष ने यह भी कहा है कि ईदगाह मस्जिद जिस स्थान पर बनी है, वह संरक्षित स्मारक की श्रेणी में आता है। यह स्थल 1920 की अधिसूचना के तहत ASI द्वारा संरक्षित घोषित है और आगरा क्षेत्र के संरक्षित भवनों की सूची में भी शामिल है। अतः विवाद के निस्तारण के लिए ASI और केंद्र सरकार को पक्षकार बनाना आवश्यक है। मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह विवाद मंदिर और मस्जिद कमेटी के बीच है, ASI और केंद्र की कोई भूमिका नहीं बनती। कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि नए पक्षकारों को जोड़ने से विवाद की प्रकृति में कोई बदलाव नहीं आएगा, इसलिए अर्जी स्वीकार की जाती है।
विवादित ढांचा घोषित करने की मांग
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट से मांग की कि अयोध्या की तरह शाही ईदगाह मस्जिद को भी विवादित ढांचा घोषित किया जाए। उनका तर्क था कि मुग़ल बादशाह औरंगजेब ने भगवान श्री कृष्ण के मूल गर्भ गृह पर बने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण करवाया था। इस पर मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति जताई है।