जम्मू—कश्मीर में आतंकी हमले में बाद संकट में टूरिस्ट,
लौटने की राह में बड़ी परेशानी
2 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
श्रीनगर में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। इसका सीधा असर पर्यटन पर पड़ा है। बता दें कि हजारों पर्यटक वहां अभी भी फंसे हुए हैं। विशेषकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ और उसके आसपास के क्षेत्रों से गए सैलानी अब सुरक्षित घर लौटना चाह रहे हैं, लेकिन उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर हवाई जहाज के टिकट बहुत महंगे हो गए हैं। दूसरी ओर ट्रेनों में लंबी वेटिंग चल रही है। इससे यात्रियों को घर लौटने में काफी परेशानी हो रही है। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में अवध क्षेत्र के लगभग 18 हजार पर्यटक मौजूद हैं। इनमें से कई लोगों ने वापसी शुरू कर दी है। मगर यात्रा आसान नहीं रही। पर्यटक अभी भी सरकार से आश लगाकर बैठे हैं कि उनकी सरकार घर आने में मदद करे
हवाई किराए आसमान पर
हमले के बाद सुरक्षा कारणों से उड़ानों की संख्या सीमित हो गई है, जिससे हवाई टिकटों के दामों में भारी उछाल देखने को मिला है। मंगलवार को हमले के तुरंत बाद एयर इंडिया और इंडिगो जैसी प्रमुख एयरलाइनों के टिकट 25,000 रुपये से अधिक तक बिके।
- इंडिगो की फ्लाइट (6E-2197) का किराया 25,874 रुपये तक पहुंच गया।
- एयर इंडिया की फ्लाइट के टिकट 25,480 रुपये तक बिके।
- हालांकि बाद में कुछ राहत देखने को मिली और बृहस्पतिवार को फ्लाइट टिकट 18,349 रुपये तक आ गए।
- शुक्रवार को कुछ फ्लाइट्स के टिकट 14,264 रुपये और 16,891 रुपये में भी उपलब्ध हुए।
उधर, लखनऊ से श्रीनगर जाने वाली फ्लाइट अभी भी सस्ती है – सीधी उड़ान का किराया लगभग 7,991 रुपये है, जबकि कनेक्टिंग फ्लाइट 11,725 रुपये तक की है।
ट्रेनों में भारी भीड़, वेटिंग लिस्ट लंबी
हवाई यात्रा की बढ़ती कीमतों की वजह से बड़ी संख्या में लोग ट्रेन से लौटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ट्रेनों की हालत भी चिंताजनक बनी हुई है।
- हिमगिरी एक्सप्रेस में 24 अप्रैल को स्लीपर क्लास में 140 और थर्ड एसी में 83 वेटिंग है।
- 27 अप्रैल को इसी ट्रेन में स्लीपर में 108 और थर्ड एसी में 63 वेटिंग चल रही है।
- बेगमपुरा एक्सप्रेस की स्लीपर श्रेणी में वेटिंग 103 से बढ़कर 137 तक पहुंच चुकी है।
- श्री माता वैष्णो देवी एक्सप्रेस और कोलकाता एक्सप्रेस की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है, जहां वेटिंग 165 तक जा पहुंची है।
अवध क्षेत्र के 18 हजार से अधिक पर्यटक फंसे
बताया जा रहा है कि इस समय जम्मू-कश्मीर में अवध क्षेत्र के लगभग 18,000 पर्यटक मौजूद हैं। हमले के बाद से इनमें से कई लोगों ने लौटना शुरू कर दिया है, लेकिन यह सफर आसान नहीं रहा। महंगे हवाई किराए, ट्रेनों में जगह की कमी और सुरक्षा कारणों से आवाजाही में बाधाएं लगातार बढ़ रही हैं।
प्रशासन से मदद की उम्मीद
घाटी में फंसे पर्यटक स्थानीय प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। कई परिवारों ने सोशल मीडिया और हेल्पलाइन के ज़रिए अपनी समस्याएं साझा की हैं। जरूरत है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर जल्द से जल्द राहत उपाय करें, ताकि पर्यटक सुरक्षित और सहज तरीके से अपने घर लौट सकें।