चीन का नागरिक नेपाल से भारत में घुसा,
सीमा पर वीडियोग्राफी करते पकड़ा गया; पाक यात्रा और विदेशी मुद्राएँ मिलीं
1 months ago Written By: Aniket prajapati
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रूपईडीहा चेकपोस्ट पर सोमवार को एक चीनी नागरिक को भारतीय सीमा के संवेदनशील इलाके की वीडियोग्राफी करते हुए पकड़ा गया। इस व्यक्ति की पहचान चीन के हुनान प्रांत के 49 वर्षीय लियू कुंजिंग के रूप में हुई है। उसे भारत में प्रवेश के वैध दस्तावेज नहीं मिले। एसएसबी की 42वीं वाहिनी ने तुरंत कार्रवाई कर उसे हिरासत में लिया और बाद में पुलिस के हवाले कर दिया। घटना में लियू के कब्जे से पाकिस्तानी, चीनी और नेपाली मुद्रा, तीन मोबाइल फोन और नेपाल का नक्शा बरामद हुआ है। सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही हैं।
कब और कैसे पकड़ा गया आरोपी एसएसबी के सेनानायक गंगा सिंह उदावत ने बताया कि सोमवार को रूपईडीहा चेकपोस्ट पर नेपाल से होते हुए भारतीय सीमा में प्रवेश करते समय लियू कुंजिंग को पकड़ा गया। घटना के समय वह उस सीमावर्ती इलाके की वीडियोग्राफी कर रहा था, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील माना जाता है। उसके पास भारत में प्रवेश के लिए कोई वैध कागजात नहीं थे, इसलिए उसे संदेह में लिया गया।
किस चीजें बरामद हुईं और क्या मिला सबूत अभियान में आरोपी के कब्जे से तीन मोबाइल फोन, पाकिस्तानी, चीनी व नेपाली मुद्राएँ और एक नेपाल का नक्शा मिला। एक बरामद मोबाइल में भारतीय क्षेत्र के कई संवेदनशील स्थानों के वीडियो भी पाए गए। नक्शे पर अंग्रेजी में लिखावट थी, जबकि पूछताछ में लियू ने बताया कि उसे अंग्रेजी और हिंदी नहीं आती। यह विरोधाभास सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिन्ता का कारण बना है।
पाकिस्तान यात्रा और पूछताछ का विवरण एसएसबी ने बताया कि पूछताछ में लियू ने संकेतों में बताया कि वह पहले पाकिस्तान भी गया था। वहां उसने वैध वीजा से यात्रा की थी, लेकिन भारत में वह बिना दस्तावेज घुसा। एसएसबी, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने दुभाषिये की मदद से उससे विस्तार से पूछताछ की। नक्शे, वीडियोज और भाषाई असंगतियों के कारण वह संदिग्ध माना जा रहा है।
पुलिस के पास सौंपी गई हिरासत, FIR दर्ज उदावत ने कहा कि पकड़े गए चीनी नागरिक को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। रूपईडीहा थाने में विदेशी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की गहन जांच जारी है और सुरक्षा एजेंसियाँ यह स्पष्ट करने में जुटी हैं कि वीडियोग्राफी का उद्देश्य क्या था तथा उससे जुड़ी अन्य साजिशें हैं या नहीं।