स्वामी प्रसाद मौर्य का योगी सरकार पर हमला: बोले- ‘जय श्रीराम’ के नारे अब नफरत फैलाने का औजार बन गए हैं,
3 नवंबर को करेंगे प्रदेशव्यापी धरना
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
लखनऊ में पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि आज के समय में ‘जय श्रीराम’ और ‘जय बजरंगबली’ के नारे अब धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि मुस्लिम समाज के घरों और मस्जिदों पर हमला करने का औजार बना दिए गए हैं। मौर्य ने कहा कि अब एक धर्म के लोग आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होकर समाज में डर और नफरत का माहौल फैला रहे हैं।
दलितों और मुस्लिमों को बनाया जा रहा निशाना स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार दलितों और मुस्लिमों को निशाना बना रही है। गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, जबकि भाजपा से जुड़े अपराधियों को पूरा संरक्षण दिया जा रहा है। मौर्य बोले कि सरकार सिर्फ विपक्ष की आवाज दबाने में लगी है, जनता की समस्याओं से उसका कोई लेना-देना नहीं।
‘भाजपा बिगाड़ रही सांप्रदायिक माहौल’ पूर्व मंत्री ने कहा कि भाजपा की राजनीति सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने पर टिकी है। उन्होंने कहा कि फतेहपुर के मकबरे पर धार्मिक नारे लगाकर हमला किया गया और अलीगढ़ के मंदिर में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखकर हिंदू-मुस्लिम दंगा भड़काने की साजिश रची गई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इन घटनाओं को रोकने के बजाय इन्हें बढ़ावा दे रही है ताकि समाज में नफरत और विभाजन बढ़े।
‘महिला अपराधों में यूपी नंबर वन’ मौर्य ने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट खुद बताती है कि उत्तर प्रदेश अपराध, रेप, हत्या और जातीय हिंसा के मामलों में देश में नंबर वन पर है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं। दलितों, पिछड़ों और महिलाओं पर लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं। रेप और हत्या की घटनाओं में तेजी आई है, लेकिन सरकार अपराधियों को बचाने में लगी है।
‘न्यायपालिका तक असुरक्षित’ स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा शासन में अराजक तत्वों का बोलबाला बढ़ गया है। मुख्यमंत्री न तो घटनाओं का संज्ञान लेते हैं और न ही किसी अपराधी पर कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि दो-दो महामहिम राष्ट्रपतियों को मंदिर में जाने से रोका गया और अब तो जज पर जूता फेंकने की घटना तक हो गई। उन्होंने कहा, “यह देश के संविधान और न्यायपालिका पर सीधा हमला है। भाजपा राज में न जनता सुरक्षित है और न ही न्यायालय।”
3 नवंबर को प्रदेशव्यापी धरना मौर्य ने ऐलान किया कि अगर सुप्रीम कोर्ट में जज पर जूता फेंकने वाले आरोपी की जल्द गिरफ्तारी नहीं होती, तो 3 नवंबर को पूरे प्रदेश में जिलाधिकारी कार्यालयों के बाहर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपा जाएगा, जिसमें प्रदेश की कानून-व्यवस्था, दलितों पर हो रहे अत्याचार और सरकार की निष्क्रियता का विरोध दर्ज कराया जाएगा।