बकरे की जगह दी गई केक की कुर्बानी,
लखनऊ में बकरीद पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की अनोखी पहल
3 days ago
Written By: STATE DESK
Bakrid 2025: राजधानी लखनऊ में इस बार बकरीद पर एक अनोखी और विचारोत्तेजक पहल देखने को मिली। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पारंपरिक पशु कुर्बानी की जगह सांकेतिक रूप से ‘बकरे के आकार का केक’ काटकर बकरीद मनाई गई। यह पहल उन गरीब मुसलमानों के समर्थन में की गई जो आर्थिक तंगी के कारण बकरीद पर बकरा खरीदने में असमर्थ रहते हैं।
भावना और नियति महत्वपूर्ण
माना जा रहा है कि, इसके माध्यम से समाज को एक संदेश देने की कोशिश की गई है कि, इस्लाम में कुर्बानी केवल जानवर काटने तक सीमित नहीं है, बल्कि भावना और नीयत अधिक महत्वपूर्ण है। मंच के राष्ट्रीय संयोजक ठाकुर राजा रईस ने कहा कि पेड़, पौधे, पशु-पक्षी अल्लाह की रहमत हैं। जब हम इन पर रहम करेंगे, तभी हम पर भी अल्लाह की रहमत होगी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि कुर्बानी केवल रिवाज नहीं, बल्कि एक सोच है।
जरुरी नहीं कुर्बानी ?
ठाकुर राजा रईस ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जानवर की कुर्बानी अनिवार्य होती तो मक्का में भी गाय या भैंस की कुर्बानी दी जाती, लेकिन ऐसा नहीं होता। ईद-उल-अजहा का असली उद्देश्य भाईचारा, मेलजोल और मुंह मीठा कराना है। कार्यक्रम में मौजूद रुखसाना बेगम ने कहा कि, पैगंबर मोहम्मद के समय जो किया गया, वह उस दौर की सामाजिक और धार्मिक ज़रूरत थी, लेकिन अब समय बदल चुका है। उन्होंने कहा कि गरीब मुसलमान केवल इस त्योहार को दूर से देखते हैं। केक से की गई यह कुर्बानी उन्हें भी त्योहार में शामिल होने का मौका देती है।
केक की कुर्बानी बेहतर संदेश
वहीं, गुलजार बानो ने कहा कि, अब कुर्बानी की असल भावना पीछे छूट गई है और केवल पशु हत्या रह गई है। सांकेतिक कुर्बानी समाज में बराबरी और दया की भावना को बढ़ावा देती है। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि मोरक्को जैसे मुस्लिम देश में बकरीद पर कुर्बानी पर रोक लग चुकी है। ऐसे में भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में भी पशु हत्या पर प्रतिबंध की मांग की जा सकती है। ठाकुर राजा रईस ने कहा कि जानवरों की चीखें और मृत्यु से उत्पन्न ऊर्जा प्राकृतिक असंतुलन और आपदाओं को जन्म देती हैं। वहीं कार्यक्रम में सभी उपस्थित लोगों ने एकमत होकर यह प्रस्ताव रखा कि बकरे की जगह सांकेतिक रूप से केक की कुर्बानी समाज में बेहतर संदेश देने का काम कर सकती है।