हिमाचल की थानाधार पंचायत बनी आत्मनिर्भरता की मिसाल,
पर्यटन, स्वच्छता और सोलर ऊर्जा से कमा रही लाखों रुपये
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला जिले की थानाधार पंचायत ने अपने इनोवेशन और विकास कार्यों से पूरे प्रदेश के लिए एक नया आदर्श मॉडल पेश किया है। उत्तर भारत की सर्वश्रेष्ठ पंचायत घोषित हो चुकी यह पंचायत आज पर्यटन, स्वच्छता और ऊर्जा प्रबंधन के जरिए आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस पंचायत का लग्जरी रेस्ट हाउस देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। अपनी योजनाओं से पंचायत ने न केवल खुद को आर्थिक रूप से मजबूत किया है, बल्कि गांव के लोगों को रोजगार और बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हैं।
लग्जरी रेस्ट हाउस से बढ़ रही पंचायत की आमदनी थानाधार पंचायत के लग्जरी रेस्ट हाउस से पंचायत को हर साल करीब 85 हजार रुपये की आय हो रही है। इसके अलावा पंचायत भवन में चल रहे बैंक से 1.10 लाख रुपये, दो गोदामों से 24 हजार रुपये, और पांच दुकानों से 45 हजार रुपये सालाना किराया मिल रहा है। इस तरह पंचायत की कुल वार्षिक आय लगभग 6 लाख रुपये है, जो पंचायत को आत्मनिर्भर बना रही है।
वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट से 3.60 लाख की अतिरिक्त आय थानाधार पंचायत स्वच्छता के क्षेत्र में भी मिसाल बन चुकी है। यहां का वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से काम करता है। डोर-टू-डोर कचरा एकत्र कर उसका निस्तारण किया जाता है, जिससे पंचायत को हर साल 3.60 लाख रुपये की अतिरिक्त आमदनी होती है। यह व्यवस्था न केवल सफाई को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी दे रही है।
सोलर पैनल से जगमग हुई पंचायत ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में भी थानाधार पंचायत आगे है। पंचायत भवन की छत पर 25 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया गया है, जिससे भवन की बिजली जरूरतें पूरी होती हैं। यही नहीं, पंचायत क्षेत्र की 580 स्ट्रीट लाइटें भी इसी सौर ऊर्जा से रोशन होती हैं। युवाओं के लिए पंचायत भवन में फ्री मॉडर्न जिम की सुविधा भी उपलब्ध है।
दो राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित थानाधार पंचायत को अब तक दो राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। पंचायत ने नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत पुरस्कार में तीसरा स्थान हासिल किया था, जिसके लिए 1 करोड़ रुपये का इनाम मिला। वहीं, सोशली सिक्योर्ड विलेज श्रेणी में दूसरा स्थान मिलने पर पंचायत को 75 लाख रुपये की राशि मिली। पंचायत प्रधान संदीप शरोल ने बताया कि इस राशि का उपयोग विकास कार्यों में किया जा रहा है।
ईको-टूरिज्म और वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट पर फोकस थानाधार पंचायत अब ईको-टूरिज्म और वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट जैसे नए मॉडल पर काम कर रही है, ताकि स्थानीय लोगों को अधिक रोजगार के अवसर मिल सकें। पंचायत का यह मॉडल अब सिर्फ हिमाचल ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है।