चुनावी रण में उतरने को लेकर उमा भारती बोलीं,
पार्टी कहे तो 2029 में लड़ूंगी चुनाव, लेकिन सिर्फ झांसी से
5 days ago Written By: Aniket Prajapati
लखनऊ. भारतीय राजनीति की सशक्त आवाज़ और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने के संकेत दिए हैं। रविवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) निर्देश देती है, तो वह 2029 के लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेंगी — लेकिन केवल उत्तर प्रदेश की झांसी सीट से। उमा भारती ने अपने पोस्ट में बीजेपी की केंद्रीय और मध्य प्रदेश इकाई को टैग करते हुए लिखा, “मैंने ललितपुर में मीडिया मित्रों से कहा है कि अगर पार्टी कहेगी, तो मैं 2029 का चुनाव जरूर लड़ूंगी, लेकिन केवल झांसी लोकसभा सीट से।”
बुंदेलखंड को बताया ‘भावनात्मक घर’ इससे एक दिन पहले, शनिवार को ललितपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उमा भारती ने कहा था कि बुंदेलखंड, जिसका हिस्सा झांसी है, उनके लिए सिर्फ एक क्षेत्र नहीं बल्कि “भावनात्मक घर” है। उन्होंने कहा, “मुझे यहां के लोगों से गहरा लगाव है। अगर पार्टी कहेगी, तो मैं निश्चित रूप से चुनाव लडूंगी।”उनका यह बयान बुंदेलखंड के लोगों के दिलों को छू गया है, जहां उमा भारती का मजबूत जनाधार हमेशा से रहा है।
2014 में झांसी से की थी जीत दर्ज उमा भारती ने 2014 के लोकसभा चुनाव में झांसी सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने अपने नेतृत्व और छवि से बीजेपी को इस क्षेत्र में बड़ी सफलता दिलाई थी। हालांकि पिछले दो लोकसभा चुनावों (2019 और 2024) में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया। इसके बाद उनके राजनीति से संन्यास लेने की अटकलें तेज़ हो गई थीं, अगस्त 2025 में उमा भारती ने एक कार्यक्रम के दौरान साफ किया था कि वह राजनीति से दूर नहीं हैं और “सही समय आने पर” फिर से चुनावी मैदान में उतरेंगी।
बीजेपी का गढ़ बन चुकी है झांसी सीट गौर करने वाली बात यह है कि बीजेपी ने झांसी लोकसभा सीट पर लगातार तीन बार जीत दर्ज की है। वर्तमान में यहां से पार्टी के सांसद अनुराग शर्मा हैं, जो अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। झांसी-बुंदेलखंड क्षेत्र हमेशा से बीजेपी का मजबूत गढ़ रहा है, और उमा भारती का नाम इस सीट से एक बार फिर चर्चा में आने लगा है।
फिर लौटेगी उमा भारती की राजनीतिक चमक?उमा भारती के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। बीजेपी समर्थक जहां इसे “शक्तिशाली वापसी” मान रहे हैं, वहीं विरोधी दल इसे “राजनीतिक संकेत” बता रहे हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या पार्टी 2029 में उन्हें झांसी से मौका देगी या नहीं।