बच्चों को बांसुरी की जगह दे दी पेंसिलें,
उन्नाव के पूर्व बीएसए के खिलाफ सीआईडी ने मांगी अभियोजन स्वीकृति
2 months ago
Written By: विनय के.सिंह
CID Investigation: उन्नाव में हुए कंपोजिट ग्रांट घोटाले के आरोपी पूर्व बीएसए की जांच पूरी होने के बाद सीआईडी ने शासन से अभियोजन स्वीकृति मांगी है। 2018-19 में उन्नाव के बीएसए बीएल शर्मा एवं मे. वैष्णव एजेंसी के खिलाफ कंपोजिट ग्रांट में फ्रॉड करने के आरोप में तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
190 विद्यालयों की हुई थी जांच
जिलाधिकारी ने तहसील और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की कमेटी गठित कराकर उन 190 विद्यालयों की जांच कराई थी, जहां कंपोजिट ग्रांट खर्च की गई थी। कमेटी में सिटी मजिस्ट्रेट, समस्त तहसीलों के एसडीएम, डीआईओएस, समस्त खंड विकास अधिकारियों को जांच में शामिल किया गया था।
भुगतान हो गया, सामान नहीं पहुंचा
प्राथमिक विद्यालय ठोपरा में सामानों की खरीदारी के लिए 30 हजार का भुगतान किया गया, लेकिन कोई सामान मौके पर नहीं पहुंचा था। जांच में सामने आया कि खरीदे गए सामानों की दर मार्केट रेट से बहुत अधिक है। पांच विद्यालयों में बीआरसी पुरवा द्वारा चेक से भुगतान प्राप्त कर लिया गया, लेकिन कोई सामान उपलब्ध नहीं कराया गया। विकास खंड के प्रत्येक विद्यालय से 3500 रुपए व 7000 रुपए की धनराशि सामान खरीदने के लिए फर्म को दी गई थी। अपवाद स्वरूप कुछ ही विद्यालय बचे थे, जहां के प्रधानाचार्य ने खरीद पर अपनी असहमति जताई थी।
मानक के विपरीत मिले सामान
प्राथमिक विद्यालय आजमपुर फैजुल्लानगर की अध्यापिका के मुताबिक खरीदे गए सामान मानक के विपरीत थे, जिनकी गुणवत्ता खरीद मूल्य की अपेक्षा अधिक खराब थी। इसी तरह खंड विकास अधिकारी हसनगंज ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय अलादादपुर और ग्राम पंचायत सेमरामऊ के बिलों की जांच में पाया गया कि दोनों स्कूलों के बाउचर एक दिनांक के हैं और जो सामान खरीदे गए, वे बाजार मूल्य से अधिक कीमत के हैं।
बांसुरी के स्थान पर बच्चों को दे दी पेंसिल
खंड विकास अधिकारी मियागंज ने 25 सितंबर 2019 को आठ विद्यालयों की आख्या उपलब्ध कराई, जिसमें बताया गया कि सामग्री वैष्णव एजेंसी जौनपुर से खरीदी गई, लेकिन कुछ सामान स्कूलों में नहीं पहुंचा है। खंड विकास अधिकारी सिरोसी ने बताया कि कई विद्यालयों में माइक्रोफोन, एम्प्लीफायर सेट, बिटर की खरीद की गई है, जो व्यय बाउचर की लागत के अनुसार उचित प्रतीत नहीं होता है। इसी तरह खंड विकास अधिकारी करन ने भी बताया कि स्कूलों में सामग्री के बाउचर तो हैं, लेकिन सामान नहीं है। मे. वैष्णव एजेंसी जौनपुर द्वारा बांसुरी के स्थान पर बच्चों को पेंसिल दे दी गई है। केंद्रीयकृत आपूर्ति द्वारा की गई सप्लाई बाजार कीमतों से अधिक और मानक के विपरीत है। फैजुल्लानगर की आख्या में उल्लिखित किया गया कि गैस रिफिलिंग का कार्य औरैया से कराया गया है।