योगी सरकार का फैसला हर मंडल में खुलेगा इंटीग्रेटेड आयुष कॉलेज,
एक ही कैंपस में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी की होगी पढ़ाई
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
CM Yogi Adityanath: शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुष विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कई बड़े फैसले लिए। उन्होंने ऐलान किया कि प्रदेश के हर मंडल में इंटीग्रेटेड आयुष महाविद्यालय खोले जाएंगे। इन कॉलेजों में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी जैसी सभी पद्धतियां एक ही परिसर में मिलेंगी। सीएम योगी ने कहा कि यह कदम न केवल हेल्थ सिस्टम को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को विश्व पहचान भी दिलाएगा।
जानिए क्या होंगे नए बदलाव
1. हर मंडल में होगा इंटीग्रेटेड आयुष कॉलेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मंडल में एक आयुष महाविद्यालय होगा। इसमें आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी की पढ़ाई एक साथ होगी। यह कॉलेज आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे।
2. नेचुरोपैथी और योग सेंटर जरूरी
सीएम ने कहा कि सभी आयुष संस्थानों में योग और नेचुरोपैथी सेंटर अनिवार्य होंगे। उन्होंने कहा आयुष केवल इलाज नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है।
3. जल्द भरें खाली पद
सीएम ने निर्देश दिया कि सभी आयुष संस्थानों में खाली पद जल्द भरें। इससे युवाओं को नौकरी और सेवाओं की गुणवत्ता दोनों बढ़ेगी।
4. हर जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
हर जिले में आयुष आधारित हेल्थ और वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। ये सरकारी या पीपीपी मॉडल पर बनेंगे। यहां आम जनता को प्राथमिक इलाज मिलेगा।
5. आयुष विश्वविद्यालय पर तेज हो काम
सीएम योगी ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण समय पर और गुणवत्ता से हो। साथ ही सभी चल रही परियोजनाएं तेज़ी से पूरी हों।
6. निजी निवेश को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी निवेशकों को आयुष क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करें। उनके कॉलेजों की गुणवत्ता का मूल्यांकन हो।
7. पंचकर्म को मिले बढ़ावा
पंचकर्म जैसी पुरानी विधियों को बढ़ावा दिया जाए। इससे गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है। आम जनता को इनके लाभ बताएं।
8. योग दिवस की तैयारी अभी से शुरू करने का निर्देश
21 जून को योग दिवस है। सीएम ने कहा कि अभी से तैयारी शुरू हो। हर जिले में प्रशिक्षित योग मास्टर तैयार किए जाएं।
9. दवा आपूर्ति के लिए अब MOU की व्यवस्था
डाबर, वैद्यनाथ, पतंजलि जैसी कंपनियों से समझौते किए जाएं। इनसे आयुष संस्थानों को दवाएं नियमित मिलेंगी।
10. 4 हजार से ज्यादा संस्थानों की निगरानी
प्रदेश में 4,000 से ज्यादा आयुष संस्थान हैं। इनकी निगरानी टेक्नोलॉजी के माध्यम से की जाएगी। इससे काम की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।