यूपी के बेसिक शिक्षकों के लिए बड़ी राहत:
16 जून को जारी होगी अंतर-जनपदीय तबादला सूची, जानिए पूरी प्रक्रिया
4 days ago
Written By: State Desk
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 6 लाख से अधिक बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर आई है। लंबे समय से तबादले का इंतजार कर रहे शिक्षकों के लिए अब खुश होने का समय है। योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर-जनपदीय तबादलों की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है। ट्रांसफर की सूची 16 जून को ऑनलाइन जारी की जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 9 जून से 12 जून तक बेसिक शिक्षा परिषद के पोर्टल पर किए जा सकेंगे। सचिव ने गुरुवार शाम ट्रांसफर कार्यक्रम का आधिकारिक ऐलान कर दिया है।
तबादला नीति में बड़ा बदलाव, 5 साल की अनिवार्यता खत्म
इस बार की तबादला नीति में सबसे बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब एक जिले से दूसरे जिले में तबादला पाने के लिए पांच साल की सेवा की अनिवार्यता नहीं रहेगी। पहले नियम था कि किसी शिक्षक को अंतर-जनपदीय तबादले के लिए कम से कम पांच साल तक एक ही जिले में सेवा देनी होती थी। लेकिन 24 मई को जारी नई ट्रांसफर पॉलिसी में इस शर्त को समाप्त कर दिया गया है।
पहली बार 68500 और 69000 सहायक अध्यापकों को मिलेगा अवसर
इसका सबसे बड़ा लाभ उन शिक्षकों को मिलेगा, जो 68500 और 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत चयनित हुए थे और फिलहाल घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर कार्यरत हैं। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव के मुताबिक, यह इन शिक्षकों के लिए पहला मौका होगा, जब वे अपने गृह जनपद या आस-पास के जिलों में तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे। कई शिक्षक ऐसे हैं जो 700-800 किलोमीटर दूर तैनात हैं और अब वे अपने परिवार के करीब आ सकेंगे।
तबादला कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल हुआ तय
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार, 6 और 7 जून को यू-डायस पोर्टल पर छात्र संख्या के आधार पर जिलों को श्रेणियों में बांटा जाएगा। यूपी में शिक्षकों की तैनाती की स्थिति यू-डायस पोर्टल पर छात्र संख्या के आधार पर तय की जाएगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि कहां शिक्षक अधिक हैं और कहां कमी है। इसी के अनुसार तबादले की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। शिक्षक 9 से 12 जून तक ऑनलाइन आवेदन करेंगे, जिसकी प्रति 13 जून तक बीएसए कार्यालय में जमा करनी होगी। 14 जून को बीएसए द्वारा आवेदन का सत्यापन किया जाएगा और 16 जून को एनआईसी के सॉफ़्टवेयर के माध्यम से ट्रांसफर सूची जारी की जाएगी।
दूसरे जिले में ट्रांसफर लेने पर शिक्षक हो जाएंगे जूनियर
अंतर-जनपदीय ट्रांसफर की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी में मुख्य विकास अधिकारी, डायट प्राचार्य को सदस्य और बेसिक शिक्षा अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। यही कमेटी तबादला प्रक्रिया की निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि नियमों के अनुसार ही ट्रांसफर किए जाएं। नई ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार, एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर पाने वाले शिक्षकों को उस जिले की वरीयता सूची में सबसे नीचे रखा जाएगा। यानी वे जिले के बाकी शिक्षकों की तुलना में सबसे जूनियर माने जाएंगे। इसके लिए उनसे एक शपथ पत्र लिया जाएगा, जिसमें वे यह स्वीकार करेंगे कि वे इस स्थिति को मानते हैं और भविष्य में वरीयता में ऊपर आने या प्रमोशन के लिए कोई दावा नहीं करेंगे।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ट्रांसफर की स्पष्ट सीमा
गौर करने वाली बात यह है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के शिक्षकों का ट्रांसफर सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों के भीतर ही होगा। यानी जो शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत हैं, उनका ट्रांसफर किसी और ग्रामीण क्षेत्र में ही होगा। इसी तरह शहरी क्षेत्र के शिक्षक का ट्रांसफर भी शहरी स्कूल में ही किया जाएगा। यू-डायस पोर्टल पर उपलब्ध छात्र संख्या के आधार पर ऐसे स्कूलों की पहचान की जाएगी, जहां शिक्षकों की संख्या जरूरत से ज्यादा है या बहुत कम है। इस आधार पर तबादलों की योजना तैयार की जाएगी। ट्रांसफर के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि शिक्षक-छात्र अनुपात प्रभावित न हो। प्राथमिक स्कूलों में यह अनुपात 30:1 और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 35:1 होना चाहिए।
शिक्षकों में दिखा जबरदस्त उत्साह
नई तबादला नीति को लेकर शिक्षकों में खासा उत्साह है। शिक्षक लंबे समय से इस नीति में बदलाव की मांग कर रहे थे। अब जब सरकार ने 5 साल की बाध्यता को हटा दिया है, तो हजारों शिक्षकों के लिए घर के करीब आने का रास्ता खुल गया है। योगी सरकार की इस पहल को शिक्षा व्यवस्था में संतुलन और पारदर्शिता के नजरिए से देखा जा रहा है। साथ ही शिक्षकों को उनके गृह जनपद में सेवा का अवसर देकर प्रशासन ने मानवीय दृष्टिकोण को भी प्राथमिकता दी है।