UP के इन जिलों में 10 सालों में दोगुनी हुई एक समुदाय की आबादी,
डेमोग्राफिक बदलाव पर सतर्क गृह मंत्रालय, जांच एजेंसियां हुई एक्टिव
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के नेपाल से सटे सीमावर्ती जिलों श्रावस्ती, बहराइच और बलरामपुर में जनसांख्यिकीय बदलाव और अवैध धार्मिक अतिक्रमण को लेकर केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय गंभीर चिंता जता रहा है। एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले दस वर्षों में विशेष रूप से श्रावस्ती और बहराइच में एक समुदाय की आबादी में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है। यह बदलाव न केवल सामाजिक संतुलन बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी चुनौती बन रहा है। गृह मंत्रालय ने इसे बेहद संवेदनशील मुद्दा मानते हुए जांच और निगरानी तेज करने के निर्देश दिए हैं।
नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र रणनीतिक रूप से अहम
श्रावस्ती, बहराइच और बलरामपुर ऐतिहासिक अवध क्षेत्र का हिस्सा हैं और इनकी भौगोलिक स्थिति इन्हें रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम बनाती है। नेपाल सीमा से सटे इन इलाकों में लगातार जनसंख्या वृद्धि और धार्मिक स्थलों पर अवैध अतिक्रमण की घटनाओं ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, जनसांख्यिकीय असंतुलन राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा असर डाल सकता है।
रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
रिपोर्ट के मुताबिक, श्रावस्ती और बहराइच के कुछ हिस्सों में पिछले एक दशक में एक समुदाय की आबादी दोगुनी हो चुकी है। हालांकि इसके पीछे के कारणों पर अभी कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकला है। विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा पार से अवैध घुसपैठ, स्थानीय सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियां और नीतिगत खामियां इस बदलाव की बड़ी वजह हो सकती हैं।
गृह मंत्रालय ने कसी निगरानी
स्थिति को गंभीर मानते हुए गृह मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन और खुफिया एजेंसियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में सख्त निगरानी रखने का आदेश दिया है। अवैध धार्मिक अतिक्रमण की जांच के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि किसी भी कीमत पर सामुदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं होना चाहिए।
स्थानीय प्रशासन की तैयारी
गृह मंत्रालय के आदेश के बाद श्रावस्ती और बहराइच के जिला प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ाई गई है और प्रशासनिक अधिकारियों को संदिग्ध गतिविधियों की तत्काल रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सामुदायिक नेताओं और स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।