उत्तर प्रदेश में फिर बढ़ सकती हैं बिजली दरें,
उपभोक्ता परिषद ने जताया विरोध
5 days ago
Written By: STATE DESK
UP Electricity Tariff Hike: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर महंगी बिजली का झटका लग सकता है। यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में 30% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा है, जिसे आयोग ने सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है। अब जुलाई में इस पर सार्वजनिक सुनवाई होगी, जिसके बाद तय होगा कि दरें बढ़ेंगी या नहीं।
19600 करोड़ का घाटा दिखाकर रखा गया प्रस्ताव
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत में कॉर्पोरेशन ने 1000 करोड़ रुपए के घाटे की रिपोर्ट दी थी, लेकिन कुछ दिन बाद संशोधित वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) दाखिल कर दी गई, जिसमें 19600 करोड़ रुपए घाटा बताया गया। इसी आधार पर 30% बिजली दरें बढ़ाने की मांग की गई है।
उपभोक्ता परिषद ने लगाया गंभीर आरोप
वहीं, इस प्रस्ताव के विरोध में बिजली उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया कि ARR को नियामक आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि, यह नियमों का उल्लंघन है और बिजली दरें गुपचुप तरीके से बढ़ाने की साजिश है। वर्मा का दावा है कि यह पहला मौका है जब बिना पारदर्शिता के प्रस्ताव पास किया गया है। वर्मा ने चेतावनी दी है कि परिषद इस प्रस्ताव का विरोध करेगी और जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा भी खटखटाएगी।
आम आदमी पर सीधा असर
वहीं माना जा रहा है कि, अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। जिससे पहले से ही महंगाई से परेशान जनता पर बिजली का बोझ और बढ़ जाएगा। गौरतलब है कि यूपी में पहले भी कई बार बिजली दरें बढ़ चुकी हैं, और हर बार सरकार की ओर से राहत के वादे किए जाते रहे हैं।
बिजली सब्सिडी में यूपी का स्थान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिजली सब्सिडी के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पांचवें स्थान पर है, जबकि राजस्थान पहले और कर्नाटक दूसरे स्थान पर हैं। इसके बावजूद यूपी पावर कॉर्पोरेशन का आरोप है कि सरकार बिजली दरों में राहत देने के लिए मदद नहीं कर रही।