UP में 403 फर्जी एक्स-रे टेक्निशन भर्ती मामला:
CM योगी की फटकार के बाद भी स्वास्थ्य महानिदेशालय दे रहा जांच में बाधा
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में साल 2016 में हुई 403 एक्स-रे टेक्निशनों की भर्ती में फर्जीवाड़े का मामला अब भी जांच के दायरे में फंसा हुआ है। स्वास्थ्य महानिदेशालय की सुस्ती और जरूरी दस्तावेज न सौंपे जाने के कारण पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद 8 सितंबर को महानिदेशक (पैरामेडिकल) डॉ. रंजना खरे ने एफआईआर दर्ज करवाई थी, लेकिन 15 सितंबर तक आरोपियों से जुड़ी जरूरी कागजी कार्रवाई वजीरगंज थाने को नहीं भेजी गई। इस मामले की देरी से आरोपियों को बचने का समय भी मिल सकता है।
फर्जी टेक्निशन कहां-कहां काम कर रहे थे जांच में सामने आया कि अर्पित नाम से बलरामपुर, फर्रुखाबाद, रामपुर, बांदा, अमरोहा और शामली में फर्जी एक्स-रे टेक्निशन काम कर रहे थे। लखनऊ के वजीरगंज थाने में शाहगंज (4), मैनपुरी और आगरा के पते पर रहने वाले एक-एक आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने आरोपितों के नियुक्ति पत्र, सत्यापन रिपोर्ट, जॉइनिंग लेटर और वेतन जारी करने से पहले हुए पत्राचार की मांग की थी।
महानिदेशालय की देरी पर सवाल 7 सितंबर को हुई बैठक में संबंधित सीएमओ अपने-अपने जिलों के दस्तावेज महानिदेशक डॉ. आरपीएस सुमन को सौंप चुके थे। बावजूद इसके, पुलिस को दस्तावेज देने में लगातार देरी हो रही है। यह स्थिति मामले की जांच में बाधा डाल रही है और आरोपियों को बचने का मौका बढ़ा रही है।
महानिदेशक की चुप्पी और सिंडीकेट की आशंका महानिदेशक डॉ. आरपीएस सुमन से इस मामले में जवाब नहीं मिल रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि नियुक्ति पत्र कैसे जारी हुए और कौन-कौन अधिकारी इसमें शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि 2016 से लेकर अब तक स्वास्थ्य महानिदेशालय से सीएमओ कार्यालयों तक एक सिंडीकेट सक्रिय था। माना जा रहा है कि दस्तावेज जानबूझकर नहीं दिए जा रहे ताकि जांच धीमी रहे और आरोपियों को बचने का समय मिल सके।