संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया तो सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन हमेशा के लिए बंद...
UP सरकार का सबसे कड़ा फरमान जारी
7 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को एक बड़ा और सख्त निर्देश जारी किया है। सरकार ने आदेश दिया है कि हर कर्मचारी को अपनी चल और अचल सभी प्रकार की संपत्तियों का पूरा विवरण मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य है। सरकार का साफ कहना है कि जो भी कर्मचारी 31 जनवरी 2026 तक अपनी संपत्ति का ब्योरा अपलोड नहीं करेगा, उसका प्रमोशन स्थायी रूप से रोक दिया जाएगा। इतना ही नहीं, ऐसे कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई भी निश्चित रूप से की जाएगी। इस आदेश के बाद प्रदेशभर के करीब 8 लाख सरकारी कर्मचारियों में हलचल मच गई है।
मुख्य सचिव के निर्देश के बाद सख्त कार्रवाई की तैयारी मुख्य सचिव एस.पी. गोयल के निर्देशों के बाद सभी विभागाध्यक्षों को यह बात स्पष्ट रूप से बता दी गई है कि 1 फरवरी 2026 के बाद होने वाली किसी भी विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक में उन कर्मचारियों का नाम शामिल नहीं किया जाएगा जिन्होंने समय पर अपनी संपत्ति का विवरण जमा नहीं किया है। सरकार पहले भी कई नोटिस और रिमाइंडर जारी कर चुकी है, लेकिन हजारों कर्मचारी अब भी संपत्ति का ब्योरा अपडेट नहीं कर रहे थे। इसलिए इस बार सरकार ने इसे अंतिम और बेहद सख्त अल्टीमेटम के रूप में लागू किया है।
क्या-क्या देना होगा ब्योरा सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2025 तक अर्जित सभी संपत्तियों का विवरण देना होगा। इसमें शामिल है।
घर, प्लॉट, दुकान
वाहन
बैंक बैलेंस
फिक्स्ड डिपॉजिट, बीमा, निवेश
अन्य चल और अचल संपत्तियाँ
मानव संपदा पोर्टल 1 जनवरी 2026 से खुल जाएगा और 31 जनवरी 2026 की रात 12 बजे के बाद पोर्टल बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद कोई भी कर्मचारी विवरण अपलोड नहीं कर पाएगा।
किसे मिलेगी छूट सरकार ने स्पष्ट किया है कि केवल वही कर्मचारी इस आदेश से मुक्त रहेंगे, जिन्हें पहले से नियमों के तहत छूट मिली है। नए आदेशों में किसी भी अतिरिक्त श्रेणी को कोई राहत नहीं दी जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई कर्मचारी इसे अब तक औपचारिकता समझते रहे, लेकिन स्थायी प्रमोशन रुकने की चेतावनी के बाद विभागों में अफरा-तफरी मच गई है।
पारदर्शिता बढ़ाने की ओर बड़ा कदम राज्य सरकार का मानना है कि संपत्ति का डिजिटल रिकॉर्ड रखने से प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। सभी विभागों को अपने कर्मचारियों को समय पर विवरण भरवाने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक निर्णायक प्रयास माना जा रहा है।