यूपी में नए साल पर बड़े प्रशासनिक फेरबदल — 24 आईएएस अधिकारियों को पदोन्नति,
आदेश 1 जनवरी से लागू
2 days ago Written By: Aniket Prajapati
उत्तर प्रदेश सरकार नए साल की शुरुआत नौकरशाही में बड़े बदलाव के साथ कर रही है। विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक अब पूरी हो चुकी है और 24 आईएएस अधिकारियों को पदोन्नति देने का फैसला लिया गया है। ये पदोन्नतियाँ 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। मुख्य सचिव एस.पी. गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में 2001 बैच के चार वरिष्ठ अधिकारियों को प्रधान सचिव (Principal Secretary) बनाए जाने पर सहमति बनी है। इसके अलावा 2010 बैच के 20 अधिकारियों को सचिव पद पर पदोन्नति दी जाएगी।
2001 बैच के चारों आईएएस होंगे प्रधान सचिव DPC ने 2001 बैच के चार वरिष्ठ अधिकारियों को प्रधान सचिव पद पर प्रमोट करने की सहमति दी है। इनमें शामिल हैं:
शशि भूषण लाल सुशील — वर्तमान में देवीपाटन मंडलायुक्त बताये जाते हैं। (रिपोर्ट्स के मुताबिक 2012 में उन पर कुछ गंभीर आरोप लगे थे और उन्हें निलंबित भी किया गया था।)
अजय कुमार शुक्ला — नगर विकास विभाग के सचिव और पूर्व में राज्य निर्वाचन अधिकारी रह चुके हैं।
अपर्णा यू — वर्तमान में चिकित्सा शिक्षा सचिव और नेशनल हेल्थ मिशन निदेशक। उनके नाम पर कुछ पुराने घोटाले संबंधित मामलों की बातें रही हैं और कुछ मामलों में जांच बताई जा रही है।
एस.वी.एस. रंगाराव — यूपी राजस्व बोर्ड के सदस्य और सीनियर अधिकारी। बताया गया है कि इन चारों का 25 वर्ष का बेदाग सेवा मानक पूरा हो चुका है और अब उन्हें स्वतंत्र विभाग दिए जाने की तैयारी है।
2010 बैच के 20 अधिकारी सचिव बनेंगे DPC ने 2010 बैच के लगभग 20 आईएएस अधिकारियों को विशेष सचिव से सचिव पद पर पदोन्नत करने की मंजूरी दी है। इनमें अधिकांश अधिकारी वर्तमान में विशेष सचिव के पद पर तैनात हैं। एकमात्र अपवाद के रूप में दुर्गा शक्ति नागपाल अभी भी लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। इन पदोन्नतियों के बाद इन्हें मंडलायुक्त या स्वतंत्र विभागीय जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।
अन्य ग्रेड-पे मंजूरियां और आगामी आदेश DPC ने 2013 बैच के चयन ग्रेड हेतु एक नाम और 2017 बैच के प्रशासनिक ग्रेड पे के लिए भी एक नाम अनुमोदित किया है। नियुक्ति विभाग जल्द ही पदोन्नति से संबंधित आधिकारिक आदेश जारी करेगा। ये आदेश 1 जनवरी 2026 से प्रभावी माने जाएंगे।
असर और अगले कदम इन पदोन्नतियों के बाद प्रदेश की नौकरशाही में व्यापक फेरबदल की तैयारी है। नए प्रमुख सचिवों को स्वतंत्र विभागों का जिम्मा दिया जा सकता है। कई जिलों में मंडलायुक्त और डीएम स्तर पर भी फेरबदल की उम्मीद है। सरकार का कहना है कि यह क्रमिक परिवर्तन प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ाने और नए साल में नई ताकत के साथ काम को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।