UP में विवाहित बेटियों को मिलेगा पिता की जमीन में बराबरी का हक,
योगी सरकार लाएगी अब नया कानून
9 hours ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। सरकार ने विवाहित बेटियों को भी पिता की कृषि भूमि में समान हिस्सा देने के लिए उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है। अभी तक विवाहित बेटियों को यह हक नहीं मिलता था, लेकिन प्रस्ताव पास होने के बाद वे भी पुत्रों और अविवाहित बेटियों की तरह बराबरी का दावा कर सकेंगी। इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक बदलाव माना जा रहा है।
अब तक क्या था प्रावधान
वर्तमान में राजस्व संहिता-2006 की धारा 108(2) के अनुसार, पिता की कृषि भूमि में उत्तराधिकार का अधिकार सिर्फ विधवाओं, पुत्रों और अविवाहित बेटियों को मिलता है। विवाहित बेटियां तभी हकदार मानी जाती हैं, जब अन्य कोई दावेदार न हो। इस प्रावधान की लंबे समय से आलोचना होती रही है क्योंकि यह महिलाओं के साथ भेदभाव करता था।
प्रस्ताव में क्या होगा बदलाव
राजस्व परिषद ने जो मसौदा तैयार किया है, उसके तहत धारा 108(2) से अविवाहित शब्द हटा दिया जाएगा। इसके बाद विवाहित और अविवाहित दोनों बेटियों को पुत्रों के समान अधिकार मिलेगा। यह प्रस्ताव अब विधि और न्याय विभाग, फिर विधायी और वित्त विभागों से होकर कैबिनेट और विधानमंडल के पास जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद इसे कानून का रूप दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश और राजस्थान से मिली प्रेरणा
मध्य प्रदेश और राजस्थान में पहले ही विवाहित बेटियों को कृषि भूमि में बराबरी का अधिकार मिल चुका है। वहां इस कदम से महिलाओं को आर्थिक मजबूती और परिवार में सम्मान मिला है। उत्तर प्रदेश सरकार भी यही बदलाव लागू करने जा रही है। खासकर उन विवाहित बेटियों के लिए यह कानून वरदान साबित होगा, जो विधवा या तलाकशुदा हैं और पारिवारिक जमीन पर निर्भर होती हैं।
महिला सशक्तिकरण की ओर कदम
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव महिलाओं को आर्थिक आजादी देगा और ग्रामीण समाज में लैंगिक समानता को मजबूत करेगा। बेटियों को उनके हिस्से का हक मिलने से परिवारों में न्याय होगा और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
आगे की प्रक्रिया और असर
अधिकारियों ने बताया कि मसौदा तैयार हो चुका है और जल्द ही शासन को भेजा जाएगा। कैबिनेट और विधानमंडल से पास होने के बाद यह कानून लागू होगा, लेकिन यह सिर्फ भविष्य के उत्तराधिकार पर ही लागू होगा। बेटियों को मिलने वाला हिस्सा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तय करेंगे। इस कानून के लागू होने से समाज में महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी और ग्रामीण ढांचे में बड़ा बदलाव आ सकता है।