लखनऊ में जयप्रकाश नारायण जयंती पर सियासी संग्राम:
अखिलेश यादव की संभावित एंट्री से पहले पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
14 days ago Written By: अनिकेत प्रजापति
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी में जयप्रकाश नारायण की जयंती पर एक बार फिर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. दो साल पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव के जबरन जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) में घुसने की घटना के बाद हर साल प्रशासन अलर्ट मोड पर आ जाता है. इस बार भी पुलिस ने पहले से मोर्चा संभाल लिया है JPNIC के चारों ओर भारी बैरिकेडिंग कर दी गई है और पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में इसका विरोध दिख रहा है. उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर रोक बताया है और पोस्टर लगाकर नाराजगी जताई है.
पुलिस का पहरा तोड़ जेपीएनआईसी पहुंचे सपा छात्र नेता शुक्रवार की देर रात से ही लखनऊ के गोमतीनगर स्थित JPNIC के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई. रास्ते बंद कर दिए गए और लोहे की शीट व बैरियर लगा दिए गए. प्रशासन को आशंका थी कि अखिलेश यादव पिछले साल की तरह इस बार भी जेपीएनआईसी पहुंच सकते हैं. हालांकि अखिलेश रात में नहीं गए, लेकिन सुबह होते ही सपा छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष विनीत कुशवाहा और नेता अमर यादव सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए अंदर पहुंच गए. उन्होंने जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर माल्यार्पण किया और सरकार पर लोकतांत्रिक परंपराओं को कुचलने का आरोप लगाया.
सपा मुख्यालय पर लगा विरोध का पोस्टर जेपीएनआईसी में प्रवेश रोकने के फैसले के खिलाफ सपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं ने बड़ा पोस्टर लगाया. सपा छात्र सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरज श्रीवास्तव द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में लिखा गया — “इमरजेंसी के नायक लोकनायक जयप्रकाश नारायण को कैद क्यों किया?” इस नारे के जरिए सपा ने बीजेपी सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या का आरोप लगाया है.
सुबह 11 बजे अखिलेश यादव करेंगे कार्यक्रम को संबोधित सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव आज सुबह 11 बजे अपने आवास से निकलकर समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचेंगे, जहां जयप्रकाश नारायण की जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है. वे वहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और जेपी के आदर्शों को याद करेंगे. पार्टी ने प्रदेशभर से अपने कायस्थ नेताओं को भी मुख्यालय बुलाया है. वहीं, प्रशासन ने एहतियात के तौर पर JPNIC के आसपास पुलिस बल बनाए रखा है, हालांकि अखिलेश के आवास और पार्टी कार्यालय के पास फिलहाल स्थिति सामान्य बताई जा रही है.
JPNIC विवाद की जड़ क्या है? लखनऊ का जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) विवाद का केंद्र बना हुआ है. इस 17 मंजिला इमारत का निर्माण अखिलेश यादव की सरकार में दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर 860 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ था. 80% काम पूरा हो चुका था, लेकिन 2017 में योगी सरकार के आने के बाद निर्माण में गड़बड़ी का आरोप लगाकर प्रोजेक्ट रोक दिया गया. जांच शुरू हुई और अब यह बिल्डिंग लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के नियंत्रण में है.
JPNIC की खासियत और मौजूदा हालात जेपीएनआईसी में जयप्रकाश नारायण से जुड़ा म्यूजियम, 100 कमरों का गेस्ट हाउस, बैडमिंटन और लॉन टेनिस कोर्ट, ऑल वेदर स्विमिंग पूल और 17वीं मंजिल पर हेलिपैड तक बनाया गया है. लेकिन सात साल से बंद पड़ी यह इमारत अब खस्ताहाल हो चुकी है, परिसर में झाड़ियां और खरपतवार उग आए हैं. अखिलेश यादव का कहना है कि सरकार इस बिल्डिंग को बेचना चाहती है, जबकि उनका तर्क है कि “बेचना है तो बेच दीजिए, लेकिन रख-रखाव तो कीजिए.”