अब यूपी पुलिस जवान को भी क्रिकेटर्स की तरह पास करना होगा यो-यो टेस्ट…
जानिए हर डिटेल
8 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश पुलिस अब फिटनेस को लेकर एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि अब पुलिस ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनी जवानों को क्रिकेटरों की तरह यो-यो टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा। यह टेस्ट 1 नवंबर से पूरे प्रदेश के 112 पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में शुरू किया जाएगा। इसकी शुरुआत मुरादाबाद स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी से होगी। इस नए नियम का मकसद यूपी पुलिस को और अधिक फुर्तीला, सक्षम और शारीरिक रूप से मजबूत बनाना है, ताकि हर जवान किसी भी चुनौतीपूर्ण हालात में बेहतर प्रदर्शन कर सके।
अब पारंपरिक फिटनेस टेस्ट की जगह वैज्ञानिक तरीका अब तक पुलिस कर्मियों की फिटनेस जांच पारंपरिक तरीकों जैसे दौड़ और शारीरिक अभ्यासों से की जाती थी। लेकिन बढ़ती जिम्मेदारियों और फील्ड ऑपरेशंस में तेजी से काम करने की जरूरत को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने यो-यो टेस्ट लागू करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों के मुताबिक, मुरादाबाद पुलिस अकादमी में इस टेस्ट का ट्रायल पहले ही शुरू हो चुका है, और इसे अब पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
क्या है यो-यो टेस्ट और कैसे होता है ये फिटनेस मापदंड यो-यो टेस्ट एक वैज्ञानिक तरीका है, जो व्यक्ति की एरोबिक फिटनेस और सहनशक्ति को मापता है। इसमें प्रशिक्षु को 20 मीटर की दूरी पर रखे दो कोनों के बीच लगातार आगे-पीछे दौड़ना होता है। हर एक राउंड (आना-जाना) 40 मीटर का होता है। जैसे-जैसे टेस्ट का स्तर बढ़ता है, दौड़ की स्पीड और राउंड की संख्या भी बढ़ती जाती है। जानकारों के अनुसार, यो-यो टेस्ट में कुल 23 स्तर होते हैं। अंतिम स्तर तक पहुंचने के लिए प्रशिक्षु को 182 राउंड यानी 3,640 मीटर की दौड़ 28.45 मिनट में पूरी करनी होती है। हर चरण के बाद प्रतिभागी को 10 सेकंड का रेस्ट मिलता है, जबकि शुरुआती चार राउंड वार्मअप के लिए होते हैं।
हर महीने होगी फिटनेस जांच अकादमी के अधिकारियों ने बताया कि यो-यो टेस्ट अब हर महीने आयोजित किया जाएगा ताकि प्रशिक्षुओं की शारीरिक क्षमता और सहनशक्ति पर लगातार नजर रखी जा सके। इसके लिए पुलिस अकादमी में दो हेल्थ कोच नियुक्त किए गए हैं, जो ट्रेनी जवानों के आहार, फिटनेस और प्रदर्शन की निगरानी करेंगे। विभाग यह भी विचार कर रहा है कि प्रशिक्षण के कुल अंकों में यो-यो टेस्ट के अंक भी जोड़े जाएं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पुलिसकर्मी न केवल मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी बेहतरीन स्थिति में रहें।