कोर्ट से राहत, सपा की खामोशी… आजम खान के परिवार की सियासत में नया मोड़,
छलका तंजीम फातिमा का दर्द
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Azam Khan News: यूपी की राजनीति में इस समय आजम खान और उनका परिवार फिर चर्चा के केंद्र में है। वजह है कोर्ट से लगातार मिल रही राहत और समाजवादी पार्टी (सपा) की चुप्पी। पहले आजम खान को जमानत मिली और अब उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को बड़ी राहत मिली है। 6 साल पुराने एक मामले में एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट ने अब्दुल्ला को बरी कर दिया है। यह केस आप नेता फैसल लाला को धमकाने से जुड़ा था। इसी मामले में उनके साथ पूर्व मीडिया प्रभारी फसाहत अली शानू भी आरोपी थे, जिन्हें कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया।
अब्दुल्ला ने साधी चुप्पी, सपा नेताओं से भी दूरी कोर्ट का फैसला आने के बाद अब्दुल्ला आजम ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और कोई बयान नहीं दिया। राजनीतिक गलियारों में उनकी चुप्पी पर खूब चर्चा हो रही है। हाल ही में वे हरदोई जेल से जमानत पर बाहर आए थे, लेकिन अभी तक उन्होंने किसी बड़े सपा नेता से मुलाकात नहीं की है और न ही अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ पहुंचे। सवाल यह है कि अखिलेश अपने 75 दिन 75 जिले कार्यक्रम में अब्दुल्ला से मिलते हैं या दूरी बनाए रखते हैं।
तंजीम फातिमा के बयान से खुली नाराजगी आज़म खान की पत्नी और पूर्व सांसद तंजीम फातिमा के हालिया बयानों ने भी सियासी हलचल बढ़ा दी है। सीतापुर जेल में आजम से मिलने के बाद उन्होंने कहा था अब मुझे सपा नहीं, सिर्फ अल्लाह पर भरोसा है। वहीं रामपुर की सभा में उन्होंने साफ कहा था कि अब हमें अपने हितों की राजनीति करनी होगी। भले ही उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी को सपा नेतृत्व से नाराजगी के तौर पर देखा गया।
आजम खान की घटती ताकत और नए मुस्लिम चेहरे कभी रामपुर, मुरादाबाद, संभल, मेरठ और बरेली में आजम खान की पकड़ इतनी मजबूत थी कि उन्हें चुनौती देना मुश्किल था। यहां तक कि अखिलेश सरकार के वक्त कहा जाता था कि यूपी में ढाई मुख्यमंत्री हैं एक शिवपाल यादव, दूसरे आजम खान और आधे अखिलेश। लेकिन मुकदमों और फैसलों ने उनकी साख कमजोर कर दी। अब सपा नए मुस्लिम चेहरों जैसे कैराना की इकरा हसन, संभल के जिया उर रहमान बर्क और कानपुर के इरफान सोलंकी पर फोकस कर रही है। यही बदलाव आजम खान के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।