उत्तर प्रदेश में सिंह उपनाम बना राजनीति का मुद्दा,
अखिलेश यादव और एडवोकेट रीना सिंह आमने-सामने
2 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों ‘सिंह’ उपनाम को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में एक सूची जारी की। इस लिस्ट में उन्होंने सिंह उपनाम वाले अधिकारियों और थानेदारों को दिखाया। उन्होंने कहा कि ये सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जाति के हैं। उन्होंने योगी सरकार पर ठाकुरवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। अब इस मुद्दे पर नया मोड़ आ गया है। सुप्रीम कोर्ट की वकील रीना एन सिंह ने मुख्यमंत्री योगी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि सिंह उपनाम का गलत इस्तेमाल हो रहा है। कुछ लोग सिंह लगाकर अपनी असली जाति छिपा रहे हैं।
रीना सिंह ने उठाया आरक्षण दुरुपयोग का मुद्दा
रीना सिंह ने लिखा कि संविधान के अनुच्छेद 15(4) के तहत आरक्षण सामाजिक रूप से पिछड़ों के लिए है। लेकिन कुछ लोग जानबूझकर सिंह लिखकर खुद को क्षत्रिय दिखाते हैं और आरक्षण का लाभ भी उठाते हैं। उन्होंने मांग की कि ऐसे लोगों को आरक्षण से बाहर किया जाए। रीना सिंह ने कहा कि सिंह शब्द का गलत इस्तेमाल समाज में भ्रम पैदा कर रहा है। राजनीतिक दल इस भ्रम का फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने अखिलेश यादव के बयान पर भी सवाल उठाए। कहा कि अगर अखिलेश सिंह उपनाम वालों को पीडीए में मानते, तो ऐसा बयान नहीं देते।
सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव के बयान से मचा बवाल
बता दें कि इस पत्र के बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग अखिलेश यादव को ही घेर रहे हैं। उनका कहना है कि अखिलेश सबको योगी का सजातीय बता रहे हैं, जबकि योगी खुद सन्यासी हैं। कुछ समय पहले एक पत्रकार ने भी ऐसी ही लिस्ट जारी की थी। तब भी ठाकुरवाद का आरोप लगा था, लेकिन बाद में पता चला कि सभी लोग क्षत्रिय नहीं थे। रीना सिंह कई मामलों में हिंदुओं की ओर से अदालत में पक्ष रखती हैं।