रेरा एजेंटों को अब अनिवार्य रूप से लेना होगा प्रशिक्षण,
मिलेगा प्रमाण पत्र, जाने क्या है प्रोसेस
1 months ago
Written By: State Desk
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (उ.प्र. रेरा) ने रियल एस्टेट एजेंटों के लिए प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य एजेंटों के कार्यों में स्थिरता लाना और उन्हें रेरा अधिनियम तथा नियमों की गहन जानकारी देना है।
मिलेगा प्रमाणपत्र
रेरा के अध्यक्ष संजय आर. भूसरेडडी ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसलिए महत्वपूर्ण है ताकि एजेंट रियल एस्टेट क्षेत्र की विनियमन संरचना को बेहतर ढंग से समझ सकें और प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुगमता से कर सकें। प्रशिक्षण के बाद मूल्यांकन परीक्षा में सफल होने पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
काम में सहायता करेगा सर्टिफिकेट
इस प्रमाण पत्र के आधार पर एजेंट किसी भी पार्टनरशिप फर्म, एलएलपी या कंपनी में कार्य कर सकते हैं। साथ ही नए अभिकर्ता के रूप में पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। रेरा अधिनियम 2016 और नियमावली के अनुसार, एजेंट पंजीकरण या उसका संशोधन करवाने के लिए संबंधित फर्म, एलएलपी या कंपनी के सभी भागीदारों/निदेशकों का प्रमाण पत्र आवश्यक होगा।
क्या होगा प्रशिक्षण शुल्क
रेरा अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि पहले से पंजीकृत एजेंटों के सभी निदेशक, सीईओ और अन्य कर्मचारियों को भी यह प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है, विशेषकर वे लोग जो विज्ञापन, बिक्री, मार्केटिंग और वित्तीय लेनदेन से जुड़े हैं। प्रशिक्षण शुल्क प्रति व्यक्ति ₹6,000 निर्धारित किया गया है। जो आवेदक पूर्व में ₹5,000 जमा कर चुके हैं, उन्हें शेष ₹1,000 पोर्टल के लॉगिन डैशबोर्ड से जमा करना होगा। प्रशिक्षण लखनऊ स्थित इंडिया लिटरेसी बोर्ड परिसर में आयोजित किया जाएगा। यदि कोई आवेदक निर्धारित बैच में भाग लेने की पुष्टि के बाद अनुपस्थित रहता है, तो उसका शुल्क जब्त कर लिया जाएगा। मूल्यांकन में असफल प्रशिक्षणार्थी ₹3,000 जमा कर अगली प्रशिक्षण सत्र में भाग ले सकते हैं। प्रमाण पत्र भविष्य में भी मान्य रहेगा, चाहे प्रतिभागी फर्म बदल लें या खुद का पंजीकरण कराएं।