कफ सिरप तस्करी कांड में यूपी पुलिस की बड़ी कार्रवाई,
फरार आरोपी और बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह लखनऊ से गिरफ्तार
8 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में कफ सिरप की अवैध तस्करी के बड़े मामले में पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। कई दिनों से फरार चल रहा आरोपी और एसटीएफ का बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह अब पुलिस की गिरफ्त में है। उसके वीडियो और लोकेशन लगातार सोशल मीडिया पर चर्चाओं में थे। माना जा रहा था कि वह किसी भी समय देश छोड़कर भाग सकता है। लेकिन उससे पहले ही एसटीएफ की टीम ने लखनऊ में गुप्त सूचना के आधार पर दबिश देकर उसे पकड़ लिया। इस कार्रवाई के बाद कफ सिरप सिंडिकेट के पूरे नेटवर्क पर पुलिस की पकड़ और मजबूत हो गई है।
बड़े बाहुबली पर संरक्षण देने का आरोप एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि आलोक प्रताप सिंह इस अवैध रैकेट का महत्वपूर्ण हिस्सा था। उसका साथी और मुख्य सरगना शुभम जायसवाल पहले ही दुबई भाग चुका है। सूत्र बताते हैं कि इन दोनों को जौनपुर के एक कुख्यात बाहुबली का संरक्षण मिला हुआ था। न सिर्फ संरक्षण, बल्कि इनके कारोबारी रिश्ते भी लंबे समय से चले आ रहे थे। बताया जा रहा है कि कुछ ही सालों में आलोक ने करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर ली थी। अब एसटीएफ उसकी चल-अचल संपत्ति जब्त करने की तैयारी में है।
शुभम के पिता पकड़े जाने के बाद बढ़ा शक इसी मामले में दो दिन पहले शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। वह थाईलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। इसके बाद आशंका जताई जा रही थी कि आलोक प्रताप सिंह भी विदेश भाग सकता है। हालांकि उससे पहले ही एसटीएफ ने उसे दबोच लिया। कोर्ट से उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी।
मेडिकल फर्म के जरिए करोड़ों का फर्जीवाड़ा जांच में पता चला है कि आलोक ने वाराणसी में मां शारदा मेडिकल नाम की एक फर्म जनवरी 2024 में पंजीकृत कराई थी। इस फर्म पर कागजों में लाखों रुपये का लेनदेन दिखाया जाता था, जबकि असल में यह कफ सिरप की अवैध तस्करी को छिपाने का तरीका था। इसी रैकेट में वाराणसी के अमित टाटा को भी पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। यह पूरा मामला पिछले कई महीनों से सुर्खियों में है और लगातार नए नाम सामने आ रहे हैं।