TET पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ उतरे सीएम योगी,
ढाई लाख शिक्षकों को दी बड़ी राहत की उम्मीद
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया था कि उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को दो साल के भीतर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करना अनिवार्य होगा। जो शिक्षक परीक्षा पास नहीं करेंगे, उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ेगी। इस फैसले से प्रदेश के लाखों शिक्षक चिंतित हो गए थे। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके समर्थन में खड़े हो गए हैं। सीएम योगी ने बेसिक शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सीएम योगी का बयान और निर्देश मुख्यमंत्री कार्यालय से ट्वीट कर कहा गया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता पर उच्चतम न्यायालय के आदेश पर रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया गया है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और सरकार समय-समय पर उन्हें प्रशिक्षण देती रही है। ऐसे में उनकी सेवा और योग्यता को नजरअंदाज करना उचित नहीं है।
यूपी पहला राज्य जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती देगा सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को आदेश दिया था कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को दो साल में टीईटी पास करना होगा। इस आदेश से खासकर वे शिक्षक परेशान हो गए थे जिनकी सेवा के कुछ ही साल शेष हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश में करीब 2 लाख शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने अब तक टीईटी पास नहीं किया है। सीएम योगी के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा पहला राज्य बन गया है जो सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ रिवीजन दाखिल करेगा।
शिक्षक संगठनों की अपील और उम्मीद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षक संगठन लगातार सरकार से राहत की मांग कर रहे थे। जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ और प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्यों ने डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सेवा के वर्षों को अनदेखा कर अचानक टीईटी अनिवार्य करना न्यायसंगत नहीं है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मीडिया प्रभारी हरि शंकर राठौर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से शिक्षक निराश थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनके सेवा भाव को सम्मान देते हुए रिवीजन दाखिल करने का निर्णय लिया है। शिक्षकों को उम्मीद है कि सरकार उनकी समस्याओं को मजबूती से कोर्ट में रखेगी और उन्हें राहत मिलेगी।