यूपीआईटीएस 2025 में खादी का जलवा,
परंपरा से आधुनिक फैशन तक छाया ग्लोबल ट्रेंड
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 (UPITS 2025) में इस बार खादी ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा। खादी न सिर्फ भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर सामने आई, बल्कि उसने फैशन की दुनिया में भी अपनी आधुनिक पहचान दर्ज कराई। शानदार फैशन शो में जब मॉडल्स ने खादी के परिधानों की नई श्रृंखला पेश की, तो वहां मौजूद दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। इस प्रस्तुति ने साफ संदेश दिया कि खादी अब केवल परंपरा तक सीमित नहीं, बल्कि ग्लोबल फैशन इंडस्ट्री का हिस्सा बन चुकी है।
खादी फैशन शो बना आकर्षण
ट्रेड शो में हुए फैशन शो ने खादी की खूबसूरती को नए अंदाज में प्रस्तुत किया। मॉडल्स ने ऐसे डिजाइनर परिधान पहनकर रैंप वॉक किया, जिनमें पारंपरिक शिल्प कौशल और आधुनिक डिज़ाइन का बेहतरीन संगम नजर आया। यह शो इस बात का प्रतीक था कि खादी अब “ट्रेडिशन टू ट्रेंड” की यात्रा पूरी कर चुकी है और युवाओं के बीच टिकाऊ फैशन की पहली पसंद बन रही है।
योगी सरकार का फोकस खादी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार खादी को केवल कपड़े तक सीमित नहीं मानती, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत और पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली का मजबूत आधार मानती है। सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से हजारों बुनकरों और कारीगरों को सीधा लाभ मिला है। योगी सरकार का लक्ष्य है कि खादी को स्थानीय से वैश्विक स्तर तक ब्रांड बनाकर उत्तर प्रदेश को हैंडलूम हब बनाया जाए।
युवाओं में बढ़ता खादी का चलन आज के समय में खादी की खपत लगातार बढ़ रही है। खासकर युवा वर्ग में टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल फैशन को लेकर जागरूकता बढ़ी है। यही कारण है कि खादी अब “फैब्रिक ऑफ फ्यूचर” कहलाने लगी है।
वैश्विक मंच पर खादी की गूंज UPITS 2025 में खादी की प्रस्तुति ने यह साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश परंपरा को संजोते हुए भविष्य की जरूरतों के अनुसार खुद को ढाल रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खादी सिर्फ कपड़ा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, कारीगरी और सतत विकास का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश ने खादी को वैश्विक फैशन जगत में उतारकर साबित कर दिया है कि स्थानीय शिल्प से भी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई जा सकती है।