उत्तर प्रदेश में पहली बार जेल में मनाया जाएगा करवा चौथ,
महिला आयोग का मानवतावादी कदम
16 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने एक अभूतपूर्व निर्णय लिया है। 10 अक्टूबर 2025 को प्रदेश के महिला बंदीगृहों में रह रही कैदियों को उनके पतियों के साथ करवा चौथ का पर्व पारंपरिक तरीके से मनाने का अवसर मिलेगा। यह निर्णय उ.प्र. राज्य महिला आयोग (संशोधन) अधिनियम 2013 की धारा 9 के अंतर्गत लिया गया है। महिला आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जेल में बंद महिलाओं को भी अपने भावनात्मक और पारिवारिक अधिकारों का अनुभव हो सके और वे सामाजिक रूप से वंचित न रहें।
डॉ. बबिता सिंह चौहान का नेतृत्व महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि करवा चौथ केवल उपवास नहीं बल्कि प्रेम, निष्ठा और विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि यह पहल बंदीगृहों में रहने वाली महिलाओं में स्नेह और आत्मिक जुड़ाव की भावना को पुनर्जीवित करेगी। डॉ. बबिता ने कहा कि महिला अधिकार केवल कानूनी नहीं, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक भी हैं और आयोग इन सभी पहलुओं की समान रूप से रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
जिलाधिकारियों को जारी निर्देश
महिला आयोग की अध्यक्ष ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जनपदों में महिला बंदीगृहों की पात्र महिलाओं के पतियों और पुरुष बंदियों की पत्नियों को आमंत्रित करें। इस आयोजन के माध्यम से कैदियों को पारंपरिक विधि-विधान के अनुसार करवा चौथ मनाने का अवसर दिया जाएगा। डॉ. बबिता ने बताया कि यह कदम राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो हर परिस्थिति में महिला सम्मान और संवेदना की सुरक्षा के लिए है।
आयोजन की सामाजिक और भावनात्मक अहमियत यह पहल जेल की दीवारों के भीतर भी प्रेम, स्नेह और पारिवारिक जुड़ाव की भावना को बनाए रखने का प्रयास है। महिला आयोग का मानना है कि कैदियों को भी समाज की समान भावनात्मक भागीदारी का अनुभव होना चाहिए। इस तरह के आयोजन न केवल महिलाओं के मनोबल को बढ़ाएंगे बल्कि जेल व्यवस्था में मानवतावादी दृष्टिकोण को भी मजबूती देंगे।