फ्री कोचिंग ने दिखाई सफलता…
UPPCS-2025 की प्रारंभिक परीक्षा में 277 अभ्यर्थी हुए सफल
7 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में समाज कल्याण मंत्रालय की ओर से संचालित निःशुल्क कोचिंग और प्रशिक्षण योजनाओं का बड़ा परिणाम सामने आया है। पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र, भागीदारी भवन और मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत तैयार किए गए कुल 277 अभ्यर्थियों ने UPPCS-2025 की प्रारंभिक परीक्षा में सफलता हासिल की है। यह उपलब्धि न सिर्फ इन युवाओं के सपनों को नई उड़ान देती है, बल्कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी कोचिंग योजनाओं की प्रभावशीलता को भी साबित करती है। सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए शुरू की गई यह पहल अब प्रतिभाशाली युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं तक पहुंचाने में मील का पत्थर बन रही है।
सफल अभ्यर्थियों को मिली मंत्री की बधाई समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने सभी सफल उम्मीदवारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन युवाओं की सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों को मजबूत करती है। विभाग के उपनिदेशक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि भागीदारी भवन की कोचिंग से 91 अभ्यर्थी सफल। अलीगंज स्थित आदर्श परीक्षा केंद्र से 53 अभ्यर्थी। हापुड़ के राजकीय IAS/PCS कोचिंग केंद्र से 62 अभ्यर्थी। संत रविदास (वाराणसी) से 7 अभ्यर्थी। गोरखपुर से 8 अभ्यर्थी और मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना से 56 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। सयह आंकड़ा दर्शाता है कि निःशुल्क प्रशिक्षण व्यवस्था लगातार बेहतर परिणाम दे रही है।
मुख्य परीक्षा के लिए मिलेगी फ्री आवास और भोजन की सुविधा समाज कल्याण विभाग के निःशुल्क कोचिंग संस्थान उन उम्मीदवारों को, जिन्होंने प्रारंभिक परीक्षा पास की है, लेटरल एंट्री के माध्यम से सीधे प्रवेश देंगे। यहां उन्हें निःशुल्क आवासीय सुविधा, भोजन, पुस्तकालय, नियमित ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासें, टेस्ट पेपर और अध्ययन सामग्री जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराकर मुख्य परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। यह सुविधा खास तौर पर अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के योग्य अभ्यर्थियों को दी जाएगी।
अभ्युदय योजना सभी वर्गों के युवाओं के लिए वरदान मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के लिए बड़ा सहारा बनी है। यह योजना सभी वर्गों के युवाओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्गदर्शन प्रदान करती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में आगे बढ़ सकें।