UPPSC की सख्ती: 315 विशेषज्ञ गोपनीय कार्यों से हटाए गए,
गुणवत्ता पर जीरो टॉलरेंस
1 days ago
Written By: News Desk
लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने चयन प्रक्रिया से जुड़े गोपनीय कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने विभिन्न विषयों के 315 विशेषज्ञों को कार्य निष्पादन में कमी, नियमों की अवहेलना और सत्यनिष्ठा के मानकों पर खरे न उतरने के चलते गोपनीय कार्यों से विरत कर दिया है। आयोग ने यह निर्णय नियमित समीक्षा और मूल्यांकन के बाद लिया है, जिसमें विशेषज्ञों के कार्य की गुणवत्ता, आचार-विचार और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन प्रमुख आधार रहा।
मानक से चूकने पर कार्रवाई रहेगी जारी
लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक हर्षदेव पांडेय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि विशेषज्ञों के कार्य निष्पादन की गुणवत्ता की निरंतर समीक्षा के लिए संस्थागत व्यवस्था विकसित की गई है। समय-समय पर विशेषज्ञों का मूल्यांकन कर यह देखा जाएगा कि वे सत्यनिष्ठा और आयोग द्वारा निर्धारित उच्च मानकों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं या नहीं। यदि किसी विशेषज्ञ का कार्य प्रदर्शन इन मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उसे आयोग के पैनल से समय-समय पर हटाया जाता रहेगा।
450 विशेषज्ञ स्थायी रूप से हटाए गए
आयोग ने स्पष्ट किया है कि गुणवत्तापूर्ण कार्य निष्पादन में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। परीक्षा नियंत्रक हर्षदेव पांडेय ने बताया कि अब तक लगभग 450 विशेषज्ञों को स्थायी रूप से आयोग के पैनल से हटाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आयोग चयन प्रक्रिया के हर स्तर पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या पक्षपात की गुंजाइश न रहे। साथ ही, सत्यनिष्ठ आचरण न करने वाले विशेषज्ञों के खिलाफ अन्य राज्य लोक सेवा आयोगों, संघ लोक सेवा आयोग और संबंधित संस्थाओं को भी सूचित किया जा रहा है ताकि उनकी जवाबदेही तय हो सके।
UPPSC पैनल में शामिल होंगे देश के शीर्ष विशेषज्ञ
गोपनीय कार्यों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए आयोग ने देश के लब्धप्रतिष्ठित और अनुभवी विशेषज्ञों को अपने पैनल में शामिल किया है। आयोग का उद्देश्य चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और उच्च मानक वाला बनाना है। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि आयोग पैनल को और समृद्ध करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है, ताकि यूपी लोक सेवा आयोग की कार्यशैली पूरे देश के लिए एक आदर्श उदाहरण बन सके।